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सड़क हादसे के घायलों को राहत: ₹1.5 लाख तक कैशलेस इलाज की केंद्र सरकार की योजना लागू, जल्द मिल सकता है ₹2 लाख तक लाभ

Road Accident Cashless Treatment Yojana: केंद्र सरकार ने सड़क हादसों में घायल लोगों के लिए ₹1.5 लाख तक कैशलेस इलाज की योजना लागू कर दी है। जल्द ही यह राशि ₹2 लाख तक बढ़ सकती है। जानिए कैसे मिलेगा इस स्कीम का फायदा और क्या है प्रक्रिया।

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Shashank Kumar
Road Accident Cashless Treatment Yojana

Road Accident Cashless Treatment Yojana

Road Accident Cashless Treatment Yojana: देशभर में सड़क दुर्घटनाओं के शिकार लोगों के लिए केंद्र सरकार की ओर से एक बड़ी और सराहनीय पहल की गई है। अब सड़क हादसे के घायल मरीजों को तुरंत और बेहतर इलाज देने के लिए केंद्र ने एक नई योजना लागू कर दी है, जिसके तहत पीड़ितों को ₹1.5 लाख तक कैशलेस इलाज की सुविधा मिलेगी। इससे लाखों लोगों को न केवल आर्थिक राहत मिलेगी, बल्कि समय पर इलाज मिलने से अनगिनत जिंदगियां भी बचाई जा सकेंगी।

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अब हर घायल को मिलेगा ‘गोल्डन ऑवर’ में कैशलेस इलाज 

केंद्र सरकार की अधिसूचना के मुताबिक, अगर कोई व्यक्ति किसी सड़क पर दुर्घटनाग्रस्त होता है और वह मोटर वाहन से जुड़ा हादसा होता है, तो पीड़ित को सूचीबद्ध अस्पतालों में कैशलेस इलाज की सुविधा दी जाएगी।

हादसा चाहे किसी भी राज्य में हुआ हो, इस योजना के अंतर्गत प्राथमिक उपचार से लेकर ₹1.5 लाख तक के खर्च को सरकार वहन करेगी। यह व्यवस्था ‘गोल्डन ऑवर’ यानी हादसे के पहले एक घंटे के भीतर इलाज सुनिश्चित करने की दिशा में क्रांतिकारी कदम मानी जा रही है।

NHAI बनेगा नोडल एजेंसी 

इस योजना (Road Accident Cashless Treatment Yojana) का क्रियान्वयन नेशनल हेल्थ अथॉरिटी (NHA) के माध्यम से होगा जो राज्यों की पुलिस, अस्पतालों और हेल्थ एजेंसियों के साथ मिलकर इलाज प्रक्रिया को संचालित करेगी।

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मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, फिलहाल ₹1.5 लाख की इस लिमिट को ₹2 लाख तक बढ़ाने पर विचार किया जा रहा है। इससे गंभीर रूप से घायल मरीजों को और अधिक सहायता मिल सकेगी।

कैसे मिलेगा लाभ और क्या हैं शर्तें 

घायल व्यक्ति को लिस्टेड हॉस्पिटल में भर्ती कराना होगा और 24 घंटे के अंदर पुलिस को एक्सीडेंट की सूचना देनी होगी। इसके बाद मरीज का डॉक्यूमेंटेशन होगा और पुलिस रिपोर्ट व पहचान पत्र जमा करने पर यह सुविधा दी जाएगी। अगर इलाज का खर्च ₹1.5 लाख से अधिक होता है, तो अतिरिक्त राशि मरीज या उनके परिवार को स्वयं वहन करनी होगी।

सड़क हादसों में मौतें रोकने की दिशा में अहम कदम 

भारत में हर साल सड़क हादसों में हजारों जानें चली जाती हैं। अकेले 2023 में सड़क दुर्घटनाओं में 1.5 लाख लोगों की मौत हुई थी। विशेषज्ञों का कहना है कि इनमें से करीब 30-40% लोगों की जान समय पर इलाज न मिलने की वजह से जाती है। ऐसे में कैशलेस ट्रीटमेंट योजना से इस स्थिति को सुधारने में बड़ी मदद मिल सकती है।

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यूपी, तमिलनाडु और महाराष्ट्र हादसों में टॉप 

2018 से 2022 के बीच सड़क हादसों से होने वाली मौतों में उत्तर प्रदेश (1,08,882), तमिलनाडु (84,316), और महाराष्ट्र (66,370) शीर्ष पर रहे। यह योजना (Road Accident Cashless Treatment Yojana) इन राज्यों के लाखों लोगों के लिए राहत साबित हो सकती है।

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गडकरी ने जताई थी चिंता 

केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी ने इस साल जनवरी में सड़क हादसों को लेकर चिंता जताई थी और कहा था कि सरकार कैशलेस इलाज देने की दिशा में योजना पर काम कर रही है। अब वह वादा हकीकत बन गया है और देशभर में इसे लागू कर दिया गया है। 

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