हाइलाइट्स
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दादा गुरु के आग्रह पर हो रहा रिसर्च
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जबलपुर मेडिकल कॉलेज की टीम कर जांच
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दादा गुरु नर्मदा में प्रदूषण रोकने कर चुके आंदोलन
Research on Dada Guru: नर्मदा जल में इतनी इनर्जी है कि क्या कोई व्यक्ति सिर्फ इसके सहारे जी सकता है?
जबलपुर के संत भैयाजी सरकार ( दादा गुरु ) का दावा भी ऐसा ही कुछ है। वे चार साल से भोजन त्यागकर सिर्फ नर्मदा जल पीकर ही जीवित हैं।
अब इस पर मध्यप्रदेश सरकार रिसर्च (Research on Dada Guru) करा रही है।
जबलपुर मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स की टीम ने बुधवार से रिसर्च शुरू किया है। यह रिसर्च सात दिन तक चलेगा।
इसके बाद रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी।
भैयाजी सरकार के दावे की जांच कर रही मेडिकल टीम
इसके पीछे भैयाजी सरकार का तर्क है कि नर्मदा नदी में प्रदूषण रोकने के लिए उन्होंने अभियान चलाया था
और इसी के तहत उन्होंने चार साल से भोजन छोड़ ( एक तरह से भूख हड़ताल ) रखा। यह भी दावा किया जा रहा है कि 47 वर्षीय संत भैयाजी सरकार बिना अन्न खाए भी पूरी तरह से स्वस्थ हैं।
भैयाजी सरकार के इस दावे की जांच के लिए डॉक्टर्स की एक टीम ने उनका चेकअप शुरू कर दिया है।
इस टीम का नेतृत्व पूर्व कुलपति डॉ. आरएस शर्मा कर रहे हैं।
राज्य सरकार को सौंपेगी मेडिकल टीम
डॉक्टर्स की टीम अब ये जांच कर रही है कि आखिर क्यों भैयाजी सरकार को भोजन की जरूरत नहीं पड़ रही है।
उनके खून में ऐसा क्या है जो कि उन्हें एनर्जी दे रहा है।
बताते हैं डॉक्टर्स की टीम भैयाजी सरकार के शरीर का प्रशिक्षण कर जल्द ही रिपोर्ट तैयार करेगी, जिसे बाद में राज्य सरकार को सौपेंगी।
जबलपुर के रहने वाले भैयाजी सरकार ने करीब 10 साल पहले नर्मदा में बढ़ रहे प्रदूषण को लेकर अकेले ही आंदोलन शुरू किया था।
धीरे-धीरे उनके साथ बड़ी संख्या में लोग जुड़ गए। इसके बाद आंदोलन का नाम ‘नर्मदा मिशन’ रखा गया।
दादा गुरु की याचिका पर हाईकोर्ट से सरकार को लग चुकी फटकार
दादा गुरु ने नर्मदा में मिलने वाले गंदे नालों और प्रदूषण को लेकर भी मध्यप्रदेश हाईकोर्ट में याचिका लगाई थी,
जिस पर राज्य सरकार को हाईकोर्ट ने फटकार लगाते हुए नर्मदा को लेकर जांच के निर्देश दिए थे।
नर्मदा प्रदूषण रोकने धरना-आंदोलन किए
नर्मदा में प्रदूषण को रोकने के लिए भैयाजी सरकार ने प्रदेश के अलग-अलग जिलों में आंदोलन, धरना प्रदर्शन किया।
सरकार की तरफ से कार्रवाई नहीं की गई तो उन्होंने निराहार रहने का फैसला किया।
बताया जा रहा है कि बीते 4 साल से भैयाजी सरकार ने अन्न का एक भी दाना नहीं खाया और पानी के दम पर ही जिंदा हैं।
भैयाजी सरकार ने निराहार रहकर केवल नर्मदा जल पीना शुरू किया था और यह दावा किया था कि जब तक नर्मदा का जल पूरी तरह शुद्ध नहीं हो जाता, तब तक भोजन ग्रहण नहीं करेंगे।
यह भी दावा किया गया कि भैयाजी सरकार सिर्फ नर्मदा जल पीकर 1300 से ज्यादा दिनों से जिंदा ही नहीं हैं बल्कि शारीरिक और मानसिक रूप से पूरी तरह से स्वस्थ भी हैं।
नर्मदा की तीन हजार किमी से अधिक की परिक्रमा कर चुके
भैयाजी सरकार अब तक मां नर्मदा की 3 हजार किलोमीटर से अधिक की परिक्रमा भी कर चुके हैं।
बताते हैं भैयाजी सरकार का यह करिश्मा देखते हुए लोक स्वास्थ्य एवं चिकित्सा शिक्षा विभाग ने भैयाजी सरकार तपस्या पर शोध करने का फैसला किया
और इसकी प्रमाणिकता को विश्व स्तर पर स्थापित करने के निर्देश दिए हैं।
जिसके तहत अब नेताजी सुभाष चंद्र बोस मेडिकल कॉलेज के डॉक्टर्स की एक समिति गठित की है।
समिति के अध्यक्ष मध्यप्रदेश मेडिकल साइंस यूनिवर्सिटी ( एमपीएमएसयू) जबलपुर के पूर्व कुलपति डॉ. आरएस शर्मा होंगे।
इसके साथ ही डॉ. प्रशांत पुणेकर और डॉ. राजेश महोबिया, नर्मदा मिशन के अध्यक्ष निलेश रावल सदस्य बनाए गए हैं।
दादा गुरु पर रिसर्च शुरू
समिति अगले 7 दिन, 24 घंटे लगातार दादा गुरु के स्वास्थ्य और दिनचर्या की सतत निगरानी में जुट (Research on Dada Guru) गई है।
जबलपुर में बुधवार, 22 मई से शाम सात बजे से मेडिकल टीम दादा गुरु के साथ है और उनकी हर गतिविधि पर निगाह रख रही है।
दादा गुरु ने 30 किमी यात्रा में सिर्फ 100 एमएल जल ग्रहण किया
दादा गुरु के एक शिष्य ने बताया कि दादा गुरु ने गुरुवार (23 मई ) को जबलपुर में गौरी घाट से भेड़ाघाट होते हुए लमेटा घाट की दूरी तय (Research on Dada Guru) की।
दूरी करीब 30 किमी बताई गई है। इस दौरान दादा गुरु ने केवलि 100 एमएल जल ग्रहण किया।
इस दौरान साथ चल रही मेडिकल टीम गर्मी से परेशान हो गई। आज जबलपुर को तापमान 42 डिग्री दर्ज किया गया।
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दादा गुरु के आग्रह पर ही हो रहा रिसर्च- जबलपुर कलेक्टर
जबलपुर कलेक्टर दीपक सक्सेना भी भैयाजी सरकार (दादा गुरु) से मुलाकात करने के लिए उनके आश्रम मदन महल पहुंचे थे।
कलेक्टर बताया कि दादा गुरु ने खुद यह बात कही थी कि वो नर्मदाजी के दर्शन करते हुए रोजाना 25 किलोमीटर पैदल चलते हैं और नर्मदा के जल और वायु पर ही जीवित हैं।
उसी से ऊर्जा प्राप्त करते हैं।
कलेक्टर सक्सेना ने बताया कि दादा गुरु ने सरकार से आग्रह किया था कि मेरे ऊपर शोध (Research on Dada Guru) होना चाहिए,
ताकि लोगों को ये पता चल सके कि प्रकृति, वायु और नर्मदा जल में कितनी शक्ति है।
इसी के तहत प्रक्रिया शुरू की गई है। सात दिन तक डॉक्टर्स की टीम उनके साथ रहेगी।
उनके मेडिकल टेस्ट करेगी। सात दिन के बाद डॉक्टर्स की टीम रिपोर्ट तैयार करेगी और यह रिपोर्ट सरकार को सौंपी जाएगी।