Republic Day Speech in Hindi: भारत 26 जनवरी 2025 (रविवार) को 76वां गणतंत्र दिवस मनाएगा। 15 अगस्त 1947 को आजादी के बाद 26 जनवरी 1950 को देश का संविधान लागू हुआ था। इसलिए यह दिन हर साल मनाया जाता है। भारत में रिपब्लिक डे किसी त्योहार से कम नहीं है।
हर देशभक्त जाति, पंथ और धर्म से उठकर इस नेशनल फेस्टिवल को बड़े उत्साह के साथ मनाता है। 26 जनवरी को स्कूल-कॉलेज के छात्र देश की स्वतंत्रता के लिए अपने प्राणों की आहुति देने वाले नायकों को याद करने के लिए भाषण देते हैं।
यदि आप गणतंत्र दिवस पर भाषण देने वाले हैं, तो हम आपके लिए कुछ आसान स्पीच लेकर आए हैं। इस भाषण को देने के बाद आपकी काफी सराहना होगी।
गणतंत्र दिवस 2025 भाषण (Republic Day 2025 Speech)
माननीय मुख्य अतिथि, मेरे शिक्षक और साथियों आज भारत अपना 76वां गणतंत्र दिवस मना रहा है। गणतंत्र दिवस राष्ट्रीय पर्व है, जिसका धर्म और जाति से कोई लेना देना नहीं है। 26 जनवरी 1950 को देश का संविधान लागू हुआ था, जिसे बाबा साहब अंबेडकर ने बनाया था।
आज के दिन भारत पूर्ण गणतंत्र बना था। हिंदुस्तान को प्रभुता संपन्न गणतंत्र घोषित किया गया। 26 जनवरी 1930 के दिन कांग्रेस अधिवेशन में जवाहरलाल नेहरू की अध्यक्षता में पूर्ण स्वराज हासिल करने का प्रस्ताव पारित किया गया।
गणतंत्र दिवस का मुख्य आयोजन दिल्ली में किया जाता है। इस दिन प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति इंडिया गेट पर स्थित अमर जवान ज्योति पर शहीदों को श्रद्धांजलि देते हैं। इसके बाद भव्य परेड निकाली जाती है।
गणतंत्र दिवस पर हिंदी भाषण
सभी को नमस्कार,
हम सभी यहां अपने देश के 76वां गणतंत्र दिवस का जश्न मनाने के लिए एकत्रित हुए हैं। यह घटना हमारे लिए अद्भुत और प्रशंसनीय है। भारत लोकतांत्रिक और न्यायपूर्ण राष्ट्र है, जहां हर नागरिक को उस नेता को चुनने की अनुमति मिलती है, जो राष्ट्र का नेतृत्व कर सकता है।
अब तक कई सुधार हुए हैं, लेकिन कुछ गिरावट भी आई है। जैसे कि बेरोजगारी, महंगाई, प्रदूषण, गरीबी और साक्षरता में कमी आदि। आज हम देशवासियों को एक साथ लाकर इस मुद्दों को हल करने का वादा कर सकते हैं, ताकि भारत दुनिया के सर्वश्रेष्ठ देशों में से एक बने। जय हिंद जय भारत।
गणतंत्र दिवस पर भाषण
सभी सम्मानित अतिथियों, प्रिंसिपल, शिक्षक और सभी छात्रों को गणतंत्र दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं।
हम उन नायकों को श्रद्धांजलि अर्पित करते हैं, जिन्होंने देश को स्वतंत्र कराने के लिए अपने प्राणों की कुर्बानी दे दी। 15 अगस्त 1947 को जब भारत आजाद हुआ तो वह गुलामी से मुक्त भारत के लिए नया सवेरा था।
देश को नया आकार देने के लिए लोग ऊर्जा से भर गए। हमारा संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था। जब भारत गणतंत्र बना तो पश्चिमी देशों ने इसकी आलोचना की। कहा कि हिंदुस्तान में लोकतंत्र कभी सफल नहीं होगा। उनका मानना था कि भारत गुलामी का आदी हैं, लेकिन उन्हें इसका अंदाजा नही था कि जो भारत कभी विश्व गुरु था। वहां के नागरिक एकजुट होकर किसी भी काम को पूरा कर सकते हैं। इतना ही नहीं पूरी दुनिया को अपने सामने झुका सकता है।
इसी का परिणाम है कि 76 साल बाद भी देश गणतंत्र है। भारत दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के रूप में जाना जाता है। आजादी के बाद भी देश को कई संकटों का सामना करना पड़ा था, जिनमें सबसे बड़ा संकट देश का बंटवारा था। दंगों के दौरान लाखों लोगों को अपनी जान गंवानी पड़ी।
विभाजन ने कारण गरीबी और बेरोजगारी की समस्या बढ़ गई। इन सभी समस्याओं को पार कर भारत इतना विकसित हो गया कि चंद्रमा और मंगल ग्रह तक पहुंचने वाले चुनिंदा देशों में शामिल है। भारत एशिया की दूसरी सबसे बड़ी आर्थिक शक्ति है।
मैं बताना चाहता हूं कि राष्ट्र में रहने वाले लोगों की ईमानदारी, काम करने की लगन, सत्यनिष्ठा और नैतिकता ही देश को महान बनाते हैं। स्वामी विवेकानंद कहते थे जो व्यक्ति शिक्षित है, लेकिन समाज और देश के बारे में नहीं सोचता वह पत्थर के समान है और पत्थर पर फूल कभी नहीं उगता।
अगर बनना है तो भारत माता जैसी मिट्टी बनो। मृदा पर तरह-तरह के पुष्प और फसलें उगेंगी और खुशियां साथ-साथ बांटेंगी। आज मुझे यहां आने और अपनी बात कहने का मौके के लिए आप सभी का धन्यवाद। जय हिंद।
इन 5 विषयों पर आप भाषण दे सकते हैं
1. भारत गणराज्य और संविधान का अर्थ
2. हमारे राष्ट्रीय ध्वज तिरंगे का इतिहास
3. गणतंत्र दिवस पर पहली परेड 1955 में आयोजित की गई, तब से परंपरा कायम है।
4. स्वंतत्र भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू का भाषण।
5. किस समय और स्थान पर आधा झुका झंडा फहराया जाता है।
गणतंत्र दिवस का क्या महत्व है?
भारत में 26 जनवरी को गणतंत्र दिवस मनाया जाता है। यह दिन राजपत्रित अवकाश है। इस दिन भारत का संविधान 26 जनवरी 1950 को लागू हुआ था, जिससे भारत स्वतंत्र गणराज्य बना।
क्यों कहा जाता है गणतंत्र दिवस?
26 जनवरी 1950 को भारत का संविधान लागू हुआ था। 26 जनवरी को रिपब्लिक डे के रूप में चुना गया, क्योंकि 1929 में इसी दिन भारतीय स्वतंत्रता का ऐलान किया गया था, जो डोमिनियन के विपरीत राष्ट्रीय कांग्रेस द्वारा घोषित किया गया।
गणतंत्र दिवस के भाषण में इन बातों को जरूर कहें
- भारत के संविधान को तैयार करने में तीन वर्ष लगे थे।
- यह दुनिया का सबसे लंबा लिखित संविधान है।
- संविधान की मूल प्रति हिंदी और अंग्रेजी में लिखी गई थी।
- प्रेम बिहारी नारायण रायजादा ने संविधान की मूल प्रति लिखी थी।
- 1950 में जब संविधान लागू हुआ, तब इसमें 395 आर्टिकल, 8 अनुसूचियां और 22 भाग थे।
- संविधान निर्माण समिति में 284 सदस्य थे। इन सदस्यों में 15 महिलाएं थीं।
- संविधान के पहले हस्ताक्षरकर्ता डॉ. राजेंद्र प्रसाद थे।
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