Holika Dahan 2024 Upay: अगर आप भी जीवन में आ रही परेशानियों और धन की कमी से जूझ रहे हैं। तो होलिका दहन (Holika Dahan 2024) के दिन आपके पास खास मौका है। जी हां 24 मार्च को होलिका दहन पर आप भी होलिका की राख का अचूक उपाय (Holika Dahan Upay) करेंगे तो जीवन में धन की कमी नहीं होगी। साथ ही अपने जीवन में खुशहाली बनी रहेगी।
अगर आप भी जीवन में आ रही परेशानियों और धन की कमी से जूझ रहे हैं। तो होलिका दहन के दिन आपके पास खास मौका है। जी हां 24 मार्च को होलिका दहन पर आप भी होलिका की राख का अचूक उपाय करेंगे तो जीवन में धन की कमी नहीं होगी। साथ ही अपने जीवन में खुशहाली बनी रहेगी।
चलिए जानते हैं पंडित रामगोविंद शास्त्री के अनुसार 24 मार्च को होलिका दहन का शुभ-मुहूर्त (Holika Dahan Shubh Muhurat) क्या है। साथ ही जानेंगे कि होलिका दहन का शुभ मुर्हूत कब है। साथ ही पढ़ेंगे कि होलिका दहन (Holika Dahan) के दिन राख का अचूक उपाय करने से क्या होता है।
होलिका दहन का शुभ मुहूर्त
रात 10:36
24 मार्च को भद्रा काल
सुबह सूर्योदय से रात 10:36 तक
होलिका दहन पर राख का अचूक उपाय
होलिका दहन के दिन अग्नि जलने के बाद उसकी अगली सुबह सूर्योदय के पहले अंधेरे में बिना बोले होलिका दहन स्थल पर जाएं। वह बिना बोले मुट्ठी भरी राख उठाकर उसे लाल कपड़े में बांध कर तिजोरी में रख लें। ऐसा करने पर आप पर मां लक्ष्मी की कृपा बनी रहती है। साथ ही इससे जीवन में कभी भी पैसों की कमी नहीं होती है।
होलिका दहन पर बुरी नजर से बचाने के उपाय
अक्सर बुरी नजर और नकारात्मक चीजें से जुड़ी शक्तियां अमावस और पूर्णिमा को होती हैं। इसलिए इसकी बुरी नजर उतारने के उपाय भी इस दिन करने से आप अपने परिवार को बुरी नजर से बचा सकते हैं। इसके लिए आप उड़द की दाल को मुठी भर लेकर उसे अपने सिर पर से बिना बोले बांई से दांई ओर 7 बार घुमाकर होलिका दहन की अग्नि में डाल दें। ऐसा करने से परिवार के सदस्यों पर जो भी बुरी नजर लगी होती है वह उतर जाती है।
होलिका दहन पर बुंदेलखंड की परंपरा
होलिका दहन के दिन बुंदेलखंड की एक अलग परंपरा (Holika Dahan Parampara) है। इस दिन शाम को होलिका दहन करने के बाद उसकी अग्नि घर लाई जाती है।
घर के बाहर गोबर की छोटी छोटी मलिएं (गोबर के छोटे ओपले) बनाए जाते हैं। फिर इसे शुभ अंक की गिनती जैसे सात, नौ और 11 की संख्या में माना बनाई जाती है।
फिर इसे एक पर एक जमाकर उसके उपर झंडा लगाया जाता है। इसके बाद इसमें होलिका दहन की अग्नि से आग सुलगाई जाती है।
इसी अग्नि में आटे की बाटी और टिक्कड बनाकर घर के सभी सदस्य भोजन करते हैं।
ऐसा करने से व्यक्ति के जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इस परंपरा के पीछे कारण है कि ऐसा करने से घर में मां अन्नपूर्णा की कृपा बनी रहती है।
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