नई दिल्ली। फ्यूचर रिटेल लिमिटेड को रिलायंस रिटेल (Reliance retail) के साथ विलय सौदे पर आगे बढ़ने से रोकने वाले सिंगापुर के आपातकालीन मध्यस्थ के फैसले को लागू करने के संबंध में दिल्ली हाईकोर्ट में चल रही सभी कार्रवाई पर चार हफ्ते के लिए सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने रोक लगा दी। इस सुप्रीम फैसले के बाद फ्यूचर रिटेल, फ्यूचर कूपन और फ्यूचर ग्रुप के प्रमोटर किशोर बियानी को इससे बड़ी राहत मिली है। उल्लेखनीय है कि दिल्ली हाईकोर्ट की सिंगल जज वाली बेंच ने मार्च में फ्यूचर ग्रुप की कंपनियों- फ्यूचर रिटेल और फ्यूचर कूपन की संपत्तियों को कुर्क करने का आदेश दिया था। पीठ ने दिए आदेश में (NCLT), भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) और बाजार नियामक (SEBI ) सेबी जैसे वैधानिक प्राधिकरणों को भी निर्देश दिया कि वे अगले चार सप्ताह विलय सौदे से संबंधित कोई अंतिम आदेश पारित न करें।
दिल्ली हाई कोर्ट में चल रही थी सुनवाई
पीठ ने वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे और मुकुल रोहतगी की दलीलों पर विचार किया कि मध्यस्थ ने दोनों पक्षों को सुनने के बाद मामले में अंतिम फैसला सुरक्षित रखा है। पिछले साल अक्टूबर में Amazon ने फ्यूचर समूह को सिंगापुर अंतरराष्ट्रीय मध्यस्थता केंद्र में मध्यस्थता के लिए घसीटा था और तर्क दिया था कि एफआरएल ने उसके प्रतिद्वंद्वी रिलायंस के साथ सौदा करके उनके अनुबंध का उल्लंघन किया था। सर्वोच्च न्यायालय ने अमेजन Amazon की अपील पर फ्यूचर ग्रुप के खिलाफ दिल्ली हाई कोर्ट में चल रही सभी कार्यवाही पर गुरुवार को रोक लगा दी। Amazon रिटेलर ने सिंगापुर के इमर्जेंसी आर्बिट्रेटर अवॉर्ड को लागू कराने की अपील दिल्ली HC में थी।
Supreme Court stays all proceedings before the Delhi High Court relating to the Amazon-Future-Reliance case; asks NCLT, SEBI & CCI not to pass any final order relating to the case for four weeks pic.twitter.com/BcxHIL39Sz
— ANI (@ANI) September 9, 2021
जल्द सुनवाई की फ्यूचर रिटेल ने की थी मांग
3 सितंबर को ही फ्यूचर रिटेल लिमिटेड (FRL) ने दिल्ली उच्च न्यायालय के एक आदेश के खिलाफ अपनी नई अपील पर सुप्रीम कोर्ट में जल्द सुनवाई की मांग की थी। 17 अगस्त को दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा था कि फ्यूचर रिटेल लिमिटेड और रिलायंस रिटेल के मामले में अगर चार हफ्तों में सुप्रीम कोर्ट से कोई स्टे नहीं मिलता है, तो वह 24,713 करोड़ रुपए के सौदे को आगे बढ़ने से रोकने वाले एकल-न्यायाधीश के आदेश को लागू करेगा। सुप्रीम कोर्ट ने 3 सितंबर को कहा था कि वह दिल्ली हाई कोर्ट के ऑर्डर को चुनौती देने वाली फ्यूचर रिटेल की याचिका पर नई तारीख देगा।
दोनों कंपनियों पर अमेजन नहीं चाहती दंडात्मक कार्रवाई
अमेजन के वकील सीनियर एडवोकेट गोपाल सुब्रह्मण्यम ने कहा कि दिग्गज अमेरिकी ई-कॉमर्स कंपनी फ्यूचर रिटेल और फ्यूचर कूपन और उन दोनों के डायरेक्टरों के खिलाफ कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं चाहती। उन्होंने कहा कि अमेजन दिल्ली हाई कोर्ट में चल रही कार्यवाही पर रोक लगाए जाने के आदेश को स्वीकार करती है।चीफ जस्टिस रमना की अगुवाई वाली बेंच ने आदेश में राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (NCLT), भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग (CCI) और बाजार नियामक (SEBI ) सेबी जैसे वैधानिक प्राधिकरणों को भी निर्देश दिया कि वे अगले चार सप्ताह विलय सौदे से संबंधित कोई अंतिम आदेश पारित न करें। सुनवाई की अगली तारीख 16 सितंबर तय की थी, इसलिए कंपनी के वकीलों ने सुप्रीम कोर्ट से मामला 9 सितंबर को सुनने की अपील की।