Bill Pass In Assam: असम विधानसभा में 90 साल पुराने कानून असम मुस्लिम मैरिज एंड डिवोर्स रजिस्ट्रेशन एक्ट 1935 को रद्द करने के लिए बिल पास किया गया। इस बिल का नाम असम कंपल्सरी रजिस्ट्रेशन ऑफ मुस्लिम मैरिज एंड डिवोर्स बिल 2024 है। पुराना कानून रद्द होने के बाद मुस्लिम समाज के लोगों को शादी और तलाक का रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होगा। असम कैबिनेट ने 22 अगस्त को इस बिल को मंजूरी दी थी।
अगला टारगेट बहुविवाह पर बैन
असम के सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि ये विधेयक पार्टी की राजनीति से ऊपर है। अब हमारा अगला लक्ष्य बहुविवाह पर बैन लगाना है। वहीं विपक्ष ने असम सरकार के इस फैसले को मुस्लिमों के प्रति भेदभावपूर्ण बताया है। विपक्ष ने कहा कि चुनावी साल में वोटर्स का ध्रुवीकरण करने के लिए इस एक्ट को लाया गया है।
बिल में 2 स्पेशल प्रावधान
1. अब काजी नहीं सरकार मुस्लिम शादी का रजिस्ट्रेशन करेगी।
2. बाल विवाह का रजिस्ट्रेशन अवैध माना जाएगा।
सीएम सरमा बोले- हम काजी सिस्टम खत्म करना चाहते हैं
सदन में इस बिल पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री हिमंत बिस्व सरमा ने कहा कि हमारा उद्देश्य सिर्फ बाल विवाह खत्म करना नहीं है। हम काजी सिस्टम भी खत्म करना चाहते हैं। हम मुस्लिम शादी और तलाक को सरकारी तंत्र के तहत लाना चाहते हैं। सुप्रीम कोर्ट के आदेश के मुताबिक सभी शादियों का रजिस्ट्रेशन किया जाना जरूरी है, लेकिन ऐसा करने के लिए राज्य काजियों जैसी निजी संस्था को सपोर्ट नहीं कर सकता।
सीएम सरमा ने X पर किया पोस्ट
Today is a historic day in our effort to fight the social evil of child marriage. The #AssamLegislativeAssembly has passed the 'Assam Compulsory Registration of Muslim Marriages and Divorces Bill, 2024'.
This Act will now make it mandatory to register marriages with the Govt and… pic.twitter.com/H7UiB03S1J
— Himanta Biswa Sarma (@himantabiswa) August 29, 2024
सीएम हिमंत बिस्व सरमा ने X पर पोस्ट किया कि आज का दिन बाल विवाह जैसी सामाजिक बुराई से लड़ने के हमारे प्रयास में ऐतिहासिक है। असम विधान सभा ने ‘असम मुस्लिम विवाह और तलाक अनिवार्य पंजीकरण विधेयक 2024’ पारित किया है।
इस कानून के तहत विवाह का रजिस्ट्रेशन सरकार के साथ अनिवार्य होगा और इसमें लड़कियों के लिए 18 साल और लड़कों के लिए 21 साल की विवाह की कानूनी उम्र का उल्लंघन नहीं हो सकेगा। यह कानून टीनेज प्रेग्नेंसी रोकने में भी मददगार होगा। यह विधेयक पार्टी की राजनीति से ऊपर है और हमारी बच्चियों को गरिमापूर्ण जीवन देने का एक साधन है। हमारा अगला लक्ष्य बहुविवाह पर प्रतिबंध लगाना है!
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असम में बाल विवाह के मामलों में 81 प्रतिशत कमी
बाल विवाह से निपटने के लिए किए असम सरकार के प्रयासों की जुलाई में इंडिया चाइल्ड प्रोटेक्शन रिपोर्ट ने सराहना की थी। इस रिपोर्ट में कहा गया था कि कानूनी कार्रवाई के जरिए असम में बाल विवाह के मामलों को कम किया है। 2021-22 और 2023-24 के बीच राज्य के 20 जिलों में बाल विवाह के मामले 81 प्रतिशत कम हुए हैं।