हाइलाइट्स
- मानसून में बढ़ी नमी से बाल झड़ने की समस्या बढ़ी
- फंगल संक्रमण और प्रदूषित बारिश से बाल कमजोर
- प्राकृतिक देखभाल से बालों को टूटने से बचाएं
Hair fall in Rainy Season: बरसात के मौसम में बालों का झड़ना एक आम समस्या है। गर्मी में राहत मिलने के बावजूद, बरसात का महीना बालों में नमी, सिर की बीमारियों और नैचुरल टॉक्सिन को बढ़ाता है। बालों की उचित देखभाल और बालों के झड़ने के कारणों को समझने से इस समस्या को कम करने में मदद मिस सकती है। तो आइए जानते हैं क्या है इसके पीछे की वजह और इस बरसात हम अपने बाल झड़ने से कैसे बचा सकते हैं।
किन वजहों से बरसात में टूटते हैं इतने बाल
बढ़ी हुई आर्द्रता
बरसात में नमी का स्तर बढ़ जाता है जिससे हमारे बाल ज्यादा से ज्यादा पानी सोख लेते हैं। इससे सूजन और बाल टूटने की समस्या बढ़ जाती है। नमी की वजह से बाल रूखे और उलझने की संभावना बढ़ जाती है, जिससे कंघी करते वक्त या बालों को स्टाइल करने के दौरान बाल ज्यादा टूटने लगते है। गीले बाल अधिक नाजुक होते हैं, जिससे वे अधिक नाजुक हो जाते हैं।
प्रदूषित वर्षा जल
शहरी बारिश पानी में धुल, धुआं और औद्योगिक उत्सर्जन जैसे प्रदूषक होते हैं। जो बालों का कमजोर और टूटने का कारण बन सकते हैं। ये प्रदूषक स्कैल्प के pH संतुलन को खराब करते हैं कुजली होती है और बाल झड़ते हैं। आमतौर पर बारिश का पानी कठोर पाया जाता है क्योंकि उसमें कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे प्रदूषक होते हैं। जो बालों का सूखापन और बालों के झड़ने का कारण बनते हैं। इससे फंगल या बैक्टीरियल संक्रमण बढ़ने के चांसेस ज्यादा हो जाते हैं।
फफूंद का संक्रमण
बारिश के मौसम में होने वाले फंगल इंफेक्शन, मालासेज़िया फंगस के पैदा होने का कारण होता है। गर्मी और नमी इसका सही माहौल बनाते हैं, जिससे बाल झड़ने लगते हैं। रूसी इसकी एक हल्की समस्या है, लेकिन अगर बढ़ जाए तो खुजली, जलन और बाल झड़ने की परेशानी हो सकती है।
शैम्पू यूज करना भी हो सकता है हानिकारक
बालों के बार-बार धोने से वह रूखे कमजोर और उलझ जाते है। इससे बाल टूटने और ज्यादा झड़ने का खतरा बढ़ जाता है। सिर को रोज धोने से त्वचा (स्कैल्प) का प्राकृतिक संतुलन भी बिगड़ जाता है। जब स्कैल्प रूखी और चिड़चिड़ी हो जाती है, तो बालों की जड़ें कमजोर हो जाती हैं और बाल झड़ने लगते हैं। गीले बाल वैसे भी ज्यादा नाज़ुक होते हैं, और अगर उन्हें बार-बार धोया या कंघी किया जाए, तो वे और जल्दी टूट सकते हैं।
नैचुरल तेल से होने वाली समस्या
बालों का झड़ना एक बड़ी समस्या बन सकता है जब सिर की त्वचा (स्कैल्प) से निकलने वाला प्राकृतिक तेल यानी सीबम कम हो जाता है। यह तेल बालों को नमी से बचाता है और उन्हें मजबूत बनाता है। लेकिन अगर हम बालों को बहुत बार धोते हैं या बहुत तेज शैंपू का इस्तेमाल करते हैं, तो यह तेल हट जाता है। इससे बाल सूखे, कमजोर और आसानी से टूटने वाले हो जाते हैं।
जब यह तेल कम हो जाता है, तो बालों की बाहरी परत (क्यूटिकल) भी कमजोर हो जाती है और बाल उलझने लगते हैं। ये तेल स्कैल्प को भी पोषण देते हैं और उसे सूखने या रूसी जैसी समस्याओं से बचाते हैं। अगर स्कैल्प का प्राकृतिक संतुलन बिगड़ जाए, तो जलन, खुजली और संक्रमण हो सकते हैं, जिससे बाल और ज्यादा झड़ने लगते हैं।
मानसून के महीने में कैसे बचाए अपने बाल?
जब बाहर जाएं तो अपने बालों को गीला होने से बचाएं – छाता, टोपी या स्कार्फ का इस्तेमाल करें। अगर बाल भीग जाएं, तो घर आकर साफ पानी से धो लें।
हफ्ते में 2 से 3 बार ही बाल धोएं और हल्के, सल्फेट-फ्री शैम्पू का उपयोग करें, ताकि बालों का नेचुरल तेल खत्म न हो।
बार-बार बाल धोने से बाल रूखे और कमजोर हो जाते हैं, इसलिए ऐसा न करें। बाल धोते समय माइल्ड शैम्पू और कंडीशनर का इस्तेमाल ज़रूरी है।
मानसून में फंगल इंफेक्शन से बचने के लिए दवा वाले एंटी-फंगल शैम्पू का उपयोग करें और नारियल, बादाम या जैतून के तेल से बालों में तेल लगाएं।
सिर की हल्के हाथों से मालिश करें – इससे खून का बहाव ठीक रहता है और बालों की ग्रोथ में मदद मिलती है।
हर बार बाल धोने के बाद कंडीशनर जरूर लगाएं, और हफ्ते में एक बार एलोवेरा, शहद या मेथी वाला हेयर मास्क भी लगाएं जिससे बाल मजबूत और मुलायम रहें।
हीट वाले उपकरणों से बचें – ब्लो ड्रायर, स्ट्रेटनर जैसी चीजें बालों को नुकसान पहुंचा सकती हैं, इसलिए इस्तेमाल न करें।
कंघी करते समय चौड़े दांतों वाली कंघी का इस्तेमाल करें और बालों को खींचने से बचें ताकि वे न टूटें।
अपने खाने पर ध्यान दें – अंडा, मेवे, हरी सब्ज़ियाँ और मछली जैसे प्रोटीन, विटामिन और ओमेगा-3 से भरपूर चीजें खाएं ताकि बाल मजबूत रहें।
बारिश के मौसम में बालों को रंगना या कोई केमिकल ट्रीटमेंट कराना टालें, इससे बाल और ज्यादा कमजोर हो सकते हैं।