हाइलाइट्स
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कंपनी का भुगतान नहीं करने पर सप्लाई रुकी
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आंगनबाड़ी केंद्रों में नहीं पहुंच रहा रेडी टू ईट
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52 हजार केंद्रों के बच्चों को पोषण नहीं
CG Mid Day Meal Yojana: छत्तीसगढ़ के आंगनबाड़ी केंद्रो में रेडी टू ईट योजना सिर्फ कागजों में चलती दिखाई दे रही है। दरअसल बंसल न्यूज की टीम ने अलग-अलग आंगनबाड़ी केंद्रों का हाल जाना तो पूरी कहानी सामने आ गई। इसमें देखा कि आखिर प्रदेश में आंगनबाड़ी केंद्र किस तरीके से बदहाली में संचालित हो रहे हैं।
इन आंगनबाड़ी केंद्रों में बच्चों को पोषण आहार (CG Mid Day Meal Yojana) नहीं मिल रहा है। ऐसे में बच्चों को पोषण नहीं मिल पा रहा है। इसको लेकर बच्चें और धात्री, गर्भवती महिलाएं भी आंगनबाड़ी केंद्रों में जाकर पूछती हैं।
कब तक आएगा पोषण आहार, लेकिन इन केंद्रों से सही जवाब इनको नहीं मिल पाता है। क्योंकि इन आंगनबाड़ी केंद्रों की कार्यकर्ताओं को भी नहीं मालूम कि कब तक रेडी टू ईट आएगा।
सरकार ने नहीं किया भुगतान
प्रदेश के 52 हजार से ज्यादा आंगनबाड़ी केंद्रो में बच्चों को पूरक पोषण आहार (CG Mid Day Meal Yojana) नहीं मिला है। इसका कारण है रेडी टू ईट तैयार करने वाली कंपनी को सरकार से करोड़ो का भुगतान नहीं होना।
कंपनी का भुगतान सरकार के द्वारा रोका गया तो कंपनी के द्वारा यह कहकर सप्लाई बंद कर दी गई कि रेडी टू ईट (CG Mid Day Meal Yojana) तैयार करने के लिए उनके पास अब स्टॉक नहीं बचा है। बगैर भुगतान के आगे की सप्लाई संभव नहीं है। ऐसे में लगभग फरवरी महीने से आंगनबाड़ी केंद्रों में पोषण आहार की सप्लाई नहीं हो रही है।
प्रदेश में एक लाख बच्चे कुपोषित
बता दें कि आंगनबाड़ी केंद्रों में रेडी टू ईट (CG Mid Day Meal Yojana) की सप्लाई नहीं होने से प्रदेश में करीब 1 लाख से ज्यादा गंभीर कुपोषित बच्चों को पोषण आहार नहीं मिल रहा है। इतना ही नहीं प्रदेश में आंगनबाड़ी भवन की व्यवस्था भी नहीं है।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार तीन साल पहले छत्तीसगढ़ (CG Mid Day Meal Yojana) में 2 लाख 92 हजार के करीब था। इसके अलावा 2022 में यह आंकड़ा और ज्यादा था। प्रदेश में रेडी टू ईट की सप्लाई से कुपोषण के आंकड़े में सुधार हो रहा था, लेकिन अब फिर से इसकी संख्या बढ़ सकती है।
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कंपनी को नहीं हुआ भुगतान
महिला बाल विकास अधिकारी सरगुजा जेआर प्रधान ने ऑफ कैमरा स्वीकार किया है कि फरवरी से ही रेडी टू ईट (CG Mid Day Meal Yojana) कंपनी को भुगतान नहीं हुआ। इससे सप्लाई प्रभावित हुई है। अब भुगतान की प्रक्रिया शुरू हो गई है। जल्द ही सप्लाई शुरू हो जाएगी और बच्चों को भी मिलना शुरू हो जाएगा।