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Bank Licence Cancelled: ये चर्चित बैंक हुआ बंद, खाते में कितनी अधिक भी जमा हो राशि लोगों को मिलेगा सिर्फ इतना पैसा

Bank Licence Cancel: बैंकिंग रेगुलेटरी नॉर्म का पालन नहीं करने पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने बैंक का लाइसेंस कर कैंसिल कर दिया है।

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Rahul Sharma
Bank Licence Cancelled: ये चर्चित बैंक हुआ बंद, खाते में कितनी अधिक भी जमा हो राशि लोगों को मिलेगा सिर्फ इतना पैसा

हाइलाइट्स

  • एक्शन में आया रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया
  • नियमों का पालन नहीं करने वाले बैंकों पर कार्रवाई
  • आरबीआई ने एक बैंक का लाइसेंस कैंसिल किया
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Bank Licence Cancel: बैंकिंग सांख्यिकी अधिनियम, 1949 के प्रावधानों का पालन नहीं करने वाले बैंकों पर रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया यानी आरबीआई ने सख्ती करना शुरु कर दिया है।

इस नियम का पालन करने में विफल रहे एक चर्चित बैंक का आरबीआई ने लाइसेंस कैंसिल कर दिया है। जिसके बाद ये बैंक बंद हो गया है। आइये आपको इसकी पूरी डिटेल बताते हैं।

19 जून से बंद है कारोबार

आरबीआई ने जून में ही 'बैंकिंग' का कारोबार करने से प्रतिबंधित कर दिया था।

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जिसमें अन्य चीजों के अलावा जमा स्वीकार करना और जमा का पुनर्भुगतान करना शामिल है।

इससे संबंधित बैंक का लाइसेंस रद्द (Bank Licence Cancel) कर 19 जून से कारोबार बंद करवा दिया है।

खाताधारकों को मिलेंगे सिर्फ 5 लाख

परिसमापन पर प्रत्येक जमाकर्ता जमा बीमा और ऋण गारंटी निगम (DICGC) से केवल 5 लाख रुपये की मौद्रिक सीमा तक अपनी जमा राशि की जमा बीमा दावा राशि प्राप्त करने का हकदार होगा।

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इसका मतलब ये हुआ कि बैंक में 5 लाख से अधिक जमा राशि होने पर भी खाताधारक को सिर्फ 5 लाख रुपये ही मिलेंगे।

इस बैंक का लाइसेंस किया रद्द

रिजर्व बैंक ने जून में महाराष्ट्र के द सिटी को-ऑपरेटिव बैंक का लाइसेंस रद्द (Bank Licence Cancel) कर दिया, क्योंकि बैंक के पास पर्याप्त पूंजी और आय की संभावनाएं नहीं थीं।

आरबीआई ने महाराष्ट्र के सहकारिता आयुक्त और सहकारी समितियों के रजिस्ट्रार को बैंक को बंद करने और एक परिसमापक नियुक्त करने का आदेश पहले ही जारी कर चुका है।

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230.99 करोड़ का हुआ भुगतान

14 जून तक डीआईसीजीसी ने बैंक के संबंधित जमाकर्ताओं से प्राप्त इच्छा के आधार पर कुल बीमित जमा राशि में से 230.99 करोड़ रुपये का भुगतान पहले ही कर दिया है।

आरबीआई ने कहा कि मुंबई स्थित सहकारी बैंक (Bank Licence Cancel) के पास पर्याप्त पूंजी और कमाई की संभावनाएं नहीं हैं।

आरबीआई ने ये कहा

आरबीआई ने कहा, "अपनी मौजूदा वित्तीय स्थिति के साथ बैंक अपने मौजूदा जमाकर्ताओं को पूरा भुगतान करने में असमर्थ होगा।

अगर उसे अपना बैंकिंग कारोबार आगे भी जारी रखने की अनुमति दी गई तो इससे जनहित पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा"।

आरबीआई के रेडार पर पांच और बैंक

आरबीआई (RBI) के बनाए रेगुलेटरी नॉर्म का पालन नहीं करने वाले बैंकों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाती है।

ऐसे ही अब पांच सहकारी बैंक (Co Operative Banks) आरबीआई की नजर में आये हैं, जिन्होंने आरबीआई के नियमों की अवहेलना की।

https://twitter.com/BansalNewsMPCG/status/1814870584473288783

जिसके कारण इन बैंकों पर अप्रैल में ही 60.3 लाख रुपये का जुर्माना (RBI imposes penalty) लगाया गया।

इनमें जिला सहकारी बैंक देहरादून, द कांगड़ा कोऑपरेटिव बैंक नई दिल्ली, राजधानी नगर सहकारी बैंक लखनऊ, राजकोट नागरिक सहकारी बैंक और जिला सहकारी बैंक गढ़वाल शामिल है।

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फिनटेक लोन की जांच भी कर रहा आरबीआई

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) बैंकों और फिनटेक ऋणदाताओं के खातों में 50,000 रुपये तक के ऋणों की जांच कर रहा है, तथा उपभोक्ता ऋण में अधिक सावधानी बरतने का आह्वान करने के बाद उसने अपनी निगरानी बढ़ा दी है।

इस खंड में अधिकांश उपभोक्ता तीन "लाइव" ऋण लेते हैं और यह संदेह है कि यह पूंजी बाजार में बदलाव की संभावना के साथ सदाबहार ऋण का संकेत हो सकता है।

इस घटनाक्रम को विनियामक द्वारा पिछले वर्ष नवम्बर में उठाए गए कदम के संदर्भ में देखा जाना चाहिए, जब उसने विनियमित संस्थाओं से उपभोक्ता ऋण के लिए अपनी सीमा की समीक्षा करने को कहा था।

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