नई दिल्ली। RBI Big Breaking इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है जहां पर देश के सबसे बड़े बैंक भारतीय रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ( RBI) ने आम आदमी को फिर झटका दिया है जिसके साथ ही आज से लोन लेना महंगा हो गया है। यहां पर रेपो रेट में 0.35% की बढ़ोतरी हुई, 0.35% बढ़ाकर 6.25 % हुआ। जिसकी जानकारी आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने दी है।
आरबीआई गर्वनर का बयान
आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास ने कहा कि, स्टैंडिग डिपोजिट फैसिलिटी(SDF रेट) को 6% और मार्जिनल स्टैंडिंग फैसिलिटी(MSF रेट) और बैंक रेट को 6.5% तक एडजस्ट किया गया है। एफडीआई प्रवाह अप्रैल से अक्टूबर 2022 में बढ़कर 22.7 अरब डॉलर हो गया, जो पिछले साल की इसी अवधि में 21.3 अरब डॉलर था। अप्रैल-अक्टूबर के दौरान भारतीय रुपए में वास्तविक रूप से 3.2% की वृद्धि हुई है, जबकि अन्य प्रमुख मुद्राओं में गिरावट आई है
रेपो रेट में 0.35% की बढ़ोतरी हुई, 0.35% बढ़ाकर 6.25 % हुआ: आरबीआई गवर्नर शक्तिकांत दास, मुंबई, महाराष्ट्र pic.twitter.com/s7MAH3n6o1
— ANI_HindiNews (@AHindinews) December 7, 2022
जानिए क्या होती है रेपो रेट
आपको बताते चलें कि, रेपो दर में वृद्धि का मतलब है कि बैंकों और वित्तीय संस्थानों से लिया जाने वाला कर्ज महंगा होगा और मौजूदा ऋण की मासिक किस्त (ईएमआई) बढ़ेगी। मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की तीन दिन बैठक में किये गये निर्णय की जानकारी देते हुए आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने टेलीविजन पर प्रसारित बयान में कहा, ‘‘मौजूदा आर्थिक स्थिति पर विचार करते हुए एमपीसी ने नीतिगत दर रेपो 0.35 प्रतिशत बढ़ाकर 6.25 प्रतिशत करने का निर्णय किया है।’
5 बार हो चुकी बढ़ोत्तरी
’आरबीआई मुख्य रूप से मुद्रास्फीति को काबू में लाने के लिये इस साल मई से लेकर अबतक पांच बार में रेपो दर में 2.25 प्रतिशत की वृद्धि कर चुका है। दास ने कहा कि चालू वित्त वर्ष में खुदरा मुद्रास्फीति 6.7 प्रतिशत पर रहेगी। यह केंद्रीय बैंक के छह प्रतिशत के संतोषजनक स्तर से अधिक है। दास ने कहा कि मुख्य मुद्रास्फीति अभी भी ऊंची बनी हुई है, ऐसे में मौद्रिक नीति के स्तर पर सूझ-बूझ की जरूरत है।