रायपुर। छत्तीसगढ़ में दो माह का राशन एक साथ दिए जाने का फैसला लिया गया है। इस संबंध में खाद्य विभाग ने प्रदेशभर के कलेक्टरों के लिए एक पत्र जारी किया है, जिसमें दो माह का राशन दिए जाने और व्यवस्थाएं किए जाने के आदेश दिए गए हैं। जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ में सार्वजनिक वितरण प्रणाली (पीडीएस) के तहत अप्रैल और मई का राशन एक साथ दिए जाने का फैसला किया गया है। जारी आदेश के मुताबिक पात्रक हितग्राहियों के लिए यह राशन बांटा जाएगा।
दो माह राशन बांटने उचित व्यवस्थाएं करें
जानकारी के मुताबिक दो माह का यह राशन बांटे जाने के बाद यह सुनिश्चित किया जाएगा कि खरीफ विपणन वर्ष 2022-23 में चावल उपार्जन के लिए कितना स्थान गोदामों में शेष बचा है। जानकारी के मुताबिक अब तक किसानों से 107.53 लाख मीट्रिक टन धान खरीदा जा चुका है। इधर, खाद्य विभाग द्वारा जारी आदेश के मुताबिक दो माह का राशन वितरण किए जाने की जानकारी हितग्राहियों को विभिन्न तरीकों से दी जाए। वहीं समय पर इस वितरण को पूरा किए जाने के आदेश भी जारी किए गए हैं। उचित मूल्य की दुकानों पर भी इस संबंध में उचित व्यवस्थाएं किए जाने के निर्देश जारी किए गए हैं। छत्तीसगढ़ में दो माह का राशन बांटे जाने से हितग्राहियों के लिए भी फायदा होने वाला है, उन्हों दो बार उचित मूल्य की दुकानों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। एक बार में ही दो माह का का राशन उपलब्ध हो जाएगा।
इधर, विधानसभा में उठा राशन का मुद्दा
बता दें कि इन दिनों छत्तीसगढ़ विधानसभा बजट सत्र में भी गरीबों के खाघन्न लो लेकर हंगामा मचा हुए है। राशन में चावल, शक्कर और गुड़ वितरण पर पक्ष-विपक्ष ने एक-दूसरे पर जमकर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह ने गरीबों के लिए बांटे जाने वले राशन में गड़बड़ी किए जाने का मामला उठाया था। कहा था कि कि प्रदेश में खाद्य विभाग का डाटा और जिलों के डाटाबेस में काफी अंतर है। राशन दुकानों में 68 हजार मीट्रिक टन अतिशेष चावल स्टॉक में है, जबकि 68 हजार 230 टन चावल गायब है।
इसपर खाद्य मंत्री अमरजीत भगत ने जवाब देते हुए कहा कि जितने बोगस राशनकार्ड बनते थे, आपके समय होता था। आपके फार्मूले से ही हम वितरण कर रहें हैं। हमने 13,392 राशन दुकानों का वेरिफिकेशन किया है, जिमें 4952 दुकानों में करीब 41 हजार टन की गड़बड़ियां मिली हैं। 13 प्रकरणों में एफआईआर की गई, 161 दुकान निलंबित और 140 दुकान निरस्त की गईं। इस दौरान पूर्व सीएम डॉ. रमन सिंह ने राशन दुकानों में 500 से 600 करोड़ रुपए का घोटाला होने का आरोप लगाया और कमेटी से जांच कराने की मांग की। इसके बाद ही हंगामा शुरू हो गया।