Ratapani Tiger Reserve: रातापानी सेंचुरी के टाइगर रिजर्व बनने के बाद यहां सफारी प्वाइंट अब पांच होंगे। वन विभाग ने इसे बढ़ाने का फैसला लिया है। रातापानी में झिरी बहेड़ा और गिन्नोरी गेट से टाइगर सफारी होती है।
अब बरखेड़ा गेट, रेहटी मार्ग पर करमई गेट और जबलपुर गेट पर स्थित घोड़ापछाड़ गेट से टाइगर सफारी शुरू की जाएगी। इन सफारी के रूट जल्द ही फाइनल होंगे। रातापानी टाइगर रिजर्व के कोर क्षेत्र में मौजूद भीमबैठका में पर्यटन गतिविधियां पहले की तरह जारी रहेगी। केंद्र और राज्य सरकार ने भीमबैठका को स्पेशल स्टेटस देने के कारण रातापानी सेंचुरी के कोर क्षेत्र में पर्यटकों के लिए वाहन से आवागमन को मंजूरी दी है।
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एपीसीसीएफ वाइल्ड लाइफ एल कृष्ण मूर्ति के अनुसार, रातापानी टाइगर रिजर्व में फील्ड स्टाफ और टाइगर साइटिंग स्थल को लेकर बैठक होने वाली है। जब तक नए फील्ड डायरेक्टर की नियुक्ति नहीं होती। तब तक सेंचुरी के सुपरिटेंडेंट रहे सुनील भारद्वाज डायरेक्टर के तौर पर काम करेंगे।
सुरक्षा श्रमिक और टूरिस्ट गाइड बन सकेंगे युवा
कृष्ण मूर्ति ने कहा, ‘रातापानी टाइगर रिजर्व में 120 सुरक्षा श्रमिक और इतने ही गश्ती चौकीदार की जरूरत है। 250 ग्रामीणों को सुरक्षा श्रमिक और गश्ती चौकीदार के रूप में नियुक्त किया जाएगा।’यहां 200 टूरिस्ट गाइड की जरूरत पड़ेगी।’
टाइगर कैपिटल बना भोपाल
मुख्यमंत्री मोहन यादव ने कहा कि रातापानी के टाइगर रिजर्व घोषित होने से मध्यप्रदेश बाघ राज्य बन गया है। एमपी का आठवां टाइगर रिजर्स राज्य और भोपाल के लिए सौगात है। सीएम मोहन ने कूनो में चीता बसाने और नए टाइगर रिजर्व की सौगात के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार प्रकट किया।
उन्होंने कहा कि रातापानी देश का एकमात्र टाइगर रिजर्व है, जो राजधानी के नजदीक है। भोपाल टाइगर कैपिटल है। इससे पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा। कोर क्षेत्र रातापानी सेंचुरी के अंदर है। आसपास के ग्रामीण इलाकों में कोई बदलाव नहीं किया जाएगा।
पर्यावरण प्रेमियों के लिए अच्छी खबर- पीएम मोदी
रातापानी सेंचुरी को टाइगर रिजर्व घोषित किए जाने के फैसले को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पर्यावरण प्रेमियों के लिए अद्भुत खबर बताई है। उन्होंने केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव के एक्स पोस्ट को रीट्वीट किया।
उन्होंने लिखा कि पर्यावरण प्रेमियों के लिए अच्छी खबर है, जो प्रकृति की देखभाल करने की हमारी सदियों पुरानी परंपरा के अनुरूप है। सामूहिक प्रयासों से भारत में टाइगर की आबादी बढ़ रही है। मुझे यकीन है कि आने वाले समय में यह भावना बनी रहेगी।