Rash Driving Rules: कई बार आपके साथ ऐसा हुआ होगा जब आपकी कार के नीचे कोई पालतू जानवर आया होगा। या फिर आपकी गाड़ी से कोई जानवर टकरा गया होगा। कई बार ऐसे मामलों में कोर्ट कचहरी तक हो जाती है। ऐसा ही एक मामला कर्नाटक से सामने आया है यहां एक कार के नचे एक पालतू कुत्ता आ गया था। इसके बाद मामला कोर्ट पहुंच गया, मामले में कार चालक पर केस दर्ज किया गया था हालांकि हाईकोर्ट ने मामल में चालाक के खिलाफ लगाई गई कई धाराओं को हटा दिया है। लेकिन आज हम आपको यह बताने वाले है की अगर आपकी कार के नीचे कोई पालतू जानवर आ जाता है तो ऐसी स्थिति में आप क्या करें और क्या कहना है ऐसे मामलों में भारत का संविधान….
दरअसल, कर्नाटक हाईकोर्ट ने मामले में कहा है कि कार से किसी पालतू जानवर के टकराने से रैश ड्राइविंग का मामला नहीं बनता है। ऐसे मामलों में चालक पर आईपीसी सेक्शन 279 के तहत कार्रवाई नहीं की जा सकती है। धारा 279 ऐसी स्थिति में लगाई जा सकती है, जब घटना में कोई इंसान भी शामिल हो। आपको बता दें कि भारतीय दंड संहिता की धारा 279 सड़क दुर्घटना के मामलों में लगाई जाती है। धारा के अनुसार अगर कोई वाहन को सार्वजनिक मार्ग पर जल्दबाजी या लापरवाही से चलाता है और कोई जनहानि होती है तो ऐसे में चालक रैश ड्राइविंग का दोषी माना जाता है। ऐसे मामलों में दोषी पाए जाने वाले को 6 महीने की सजा और एक हजार रूपये का जुर्माना लगाया जा सकता है।
जानवर मामले में नहीं लगेगी धारा 279
कोर्ट ने स्पष्ट करते हुए कहा है कि ये सिर्फ इंसान से एक्सीडेंट की स्थिति में ही संभव हो सकता है। अगर कोई जानवर टकराता है तो इस स्थिति में यह धारा नहीं लगाई जा सकती। हालांकि, इसके अलावा हर एक्सीडेंट में अलग स्थिति भी हो सकती है और इसमें घटना का मोटिव देखा जाता है। अगर जानबूझकर किसी जानवर को मारा गया है तो इस पर कोर्ट अलग तरीके से कार्रवाई कर सकता है।
कुत्ते की मौत पर मिला 1.62 लाख का मुआवजा?
अपको बता दें कि एक्सीडेंट में कुत्ते की मौत के मामले में मुआवजा मिला है। चंद्रपुर मोटर एक्सीडेंट क्लेम्स ट्रिब्यूनल ने बीमा कंपनी को आदेश दिया है कि वह कुत्ते के मालिक को एक लाख 62 हजार रुपये और ब्याज की राशि अदा करे। यह भी बता दें कि ऐसा पहली बार हुआ है जब सड़क दुर्घटना में कुत्ते की मौत पर मालिक को मुआवजा मिला हो।