इंदौर। ranjit-hanuman-indore आपने उज्जैन में बाबा महाकाल की सवारी के indore news बारे में तो कई बार सुना और देखा होगा लेकिन क्या आप कुछ इसी तरह विघ्नहर्ता की सवारी के बारे में जानते हैं। यदि नहीं तो चलिए हम आपको बताते हैं। बाबा की सवारी भ्रमण की तरह ही इंदौर में रणजीत मंदिर से निकलने वाली यात्रा की। जीं हां इस मंदिर से निकलने वाली भगवान रणजीत की यात्रा की परंपरा 136 वर्ष पुरानी है। इस बार इसका 137 वां वर्ष है।
सोने के रथ पर सवार होकर निकलते हैं बाबा —
इस मंदिर में रथयात्रा की शुरूआत तक हुई थी जब 136 वर्ष पहले इस मंदिर की स्थापना हुई थी। उस समय मंदिर स्थापना के समय एक हाथ ठेलेगाड़ी पर रथ यात्रा की परंपरा शुरू हुई थी। मंदिर में विराजे बाबा का नाम रणजीत है। इसलिए इस रथयात्रा को रणजीत अष्टमी पर निकाला जाता है। पहले बमुश्किल इस यात्रा में सौ से 150 लोग ही जुड़ते थे लेकिन धीरे—धीरे लोगों की इसमें आस्था बढ़ती गई और कांरवां बढ़ता चला गया है। जानकारी के अनुसा इसमें करीब एक से डेढ़ लाख लोग शामिल होने की उम्मीद है। इस प्रभातफेरी के स्वागत के लिए लोग भक्त खुद अपने घरों में तैयारियां करते है।
जानिए मंदिर के बारे में
इंदौर के पश्चिम क्षेत्र में स्थित इस रणजीत हनुमान मंदिर में विराजित हनुमान जी स्थापना का कोई साक्ष्य नहीं है। लेकिन जानकारी के अनुसार मंदिर की स्थापना करीब 136 साल पुरानी बताई जा रही है। मंदिर में भगवान की प्रतिमा ढाल और तलवार लिए इस मुद्रा में हैं मानों भगवान भगवान किसी युद्ध मेें जाने की तैयारी कर रहे है। मंदिर की बनावट ऐसी है कि प्रतिमा के दर्शन सड़क पर खड़े होकर भी हो जाते हैं। मंदिर में हनुमान जी के साथ—साथ अन्य भगवानों की प्रतिमाएं भी शामिल है।
रणजीत हनुमान मंदिर से सुबह 5 बजे निकली प्रभातफेर 7 घंटे बाद दोपहर 12 बजे रणजीत हनुमान मंदिर पहुंची। इस दौरान प्रभात फेरी ने 7 किमी का सफर तय किया। रास्ते भर सैकड़ों मंच से बाबा के स्वर्ण रथ का स्वागत किया गया। जमकर फूल बरसाए गए। इस प्रभात फेरी को अब तक की सबसे बड़ी प्रभात फेरी बताया जा रहा है। इसमें डेढ़ से दो लाख श्रद्धालु शामिल होने का अनुमान है। मंदिर पहुंचते ही हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं ने जयश्री राम, जय हनुमान, जय रणजीत के नारे लगाए। महिलाएं भजन गा रही हैं। ढोल बजाकर मंदिर में स्वागत किया जा रहा है। कुछ ही देर बाद प्रसादी वितरण किया जाएगा। इसमें 25 हजार से अधिक भक्तों को प्रसाद वितरण किया जा रहा है।
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— Bansal News (@BansalNewsMPCG) December 16, 2022