हाइलाइट्स
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CRPF ने कैंप लगाकर शुरू की पूजा-अर्चना
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नक्सलियों के कहने पर मंदिर किया था बंद
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छिपकर करते थे भगवान राम की पूजा-पाठ
Ram Mandir: छत्तीसगढ़ के सुकमा में 21 बरसों के बाद राम मंदिर के कपाट खुले हैं। नक्सलियों ने कभी इस मंदिर को बंद करने का फरमान सुनाया था। फोर्स की कोशिशों से एक बार फिर मंदिर खुला है।
केरलापेन्दा गांव के इस मंदिर (Ram Mandir) को साल 2003 में नक्सलियों के कहने पर बंद कर दिया गया था। सुकमा के चिंतलनार थाने का ये इलाका नक्सली प्रभाव वाला रहा है।
इलाके के लोगों की आस्था इस मंदिर से रही है। वो चाहते थे कि इसमें फिर से पूजा-पाठ शुरू की जा सके। CRPF ने कैम्प लगाकर इसकी साफ-सफाई करवाई और दोबारा इसमें पूजा भी शुरू हुई है।
लंबे इंतजार के बाद खुले मंदिर के कपाट
भगवान राम (Ram Mandir) की जन्मभूमि अयोध्या (Chhattisgarh Ram Mandir) में 5 सौ वर्ष के इंतजार के बाद मंदिर में भगवान राम की प्रतिमा की प्राण प्रतिष्ठा इसी वर्ष जनवरी के 22 तारिख हुआ है। पुरा देश भगवान राम के मंदिर के बनने को उत्सव की तरह मना रहा है।
एक ऐसा भी गांव हैं, जहां 21 वर्षों के लम्बे इंतजार के बाद भगवान राम के मंदिर के कपाट खुले हैं। सुकमा जिले के चिंतलनार थाना क्षेत्र के केरलापेन्दा गांव में कुछ लोगों ने बताया भगवान राम जी का मंदिर (Ram Mandir) कई वर्षों पहले बनाया गया था।
छिपकर करते थे पूजा-अर्चना
मंदिर (Ram Mandir) कब और किसने बनवाया था, यह जानकारी ज्यादातर ग्रामीणों को नहीं है। हालांकि बुजुर्ग बताते हैं कि ये मंदिर 1070 के आसपास बनवाया गया था। वर्ष 2003 के आसपास नक्सलियों ने उक्त मंदिर को बंद करने का फरमान सुना दिया था।
कुछ ग्रामीणों ने नाम ना छापने की शर्त पर बताया कि नक्सलियों के कहने के बाद से तकरीबन 21 वर्षों से मंदिर को बंद रखा गया। पर गांव के ही एक परिवार के सदस्य रोजाना मंदिर के बाहर नक्सलियों से छिपते-छिपाते आकर पूजा-अर्चना करते रहे।
सुरक्षाबलों ने खोला कैंप
हाल ही में सीआरपीएफ व सुकमा पुलिस द्वारा केरलापेन्दा गांव से लगे लखापाल में नया कैंप खोला है। सुरक्षाबलों के कैंप खोलने के बाद जवान ग्रामीणों से उनका हाल-चाल जानने पहुंचे थे।
इसी बीच ग्रामीणों ने सीआरपीएफ जवानों को मंदिर (Chhattisgarh Ram Mandir) के विषय में बताया और मंदिर को फिरसे खोलने का आग्रह किया। सीआरपीएफ 74वीं बटालियन के जवानों ने मंदिर परिसर में ही ग्रामीणों के लिए मेडिकल कैंप लगाया और इसी दौरान की साफ-सफाई भी करवाई गई।
जवानों के साथ गांव के ग्रामीण भी मंदिर की सफाई में शामिल हुए। मंदिर की सफाई कर मंदिर (Ram Mandir Sukma) के कपाट खोले गए। जिसके बाद गांव के ग्रामीणों ने मंदिर में सामूहिक रूप से पूजा-अर्चना भी की और सीआरपीएफ के मेडिकल कैंप में इलाज करा दवाइयां भी ली।
मंदिर के शिखर पर हनुमान की छवि
केरलपेन्दा गांव में भगवान राम के इस मंदिर (Ram Mandir) में हनुमान जी की छवि मंदिर के शिखर पर बनाई गई है। मंदिर देखने में काफी पुराना नजर आ रहा है।
मंदिर के अंदर भगवान राम, लक्ष्मण और सीता जी की संगमरमर से बनी प्रतिमा है। वहीं ग्रामीणों के आग्रह पर 21 वर्षों बाद मंदिर में जवानों की मौजूदगी में ग्रामीणों ने पूजा-अर्चना भी की है।
मंदिर का हो जीर्णोद्धार
ग्रामीणों ने सीआरपीएफ जवानों से इस मंदिर (Ram Mandir) के जीर्णोद्धार की इच्छा जताई है। जिस पर सीआरपीएफ अफसरों ने जल्द ही मंदिर के जीर्णोद्धार कार्य प्रारंभ कराने का आश्वासन दिया है।
इस दौरान मंदिर के कपाट खुलने पर कुछ ग्रामीण खुशी से झूमते नाचते हुए भी दिखाई दिए।
गांव में मांस-मदिरा प्रतिबंधित
जानकारी मिली है कि मंदिर (Ram Mandir) स्थापना लगभग 1970 में की गई थी। मंदिर की स्थापना बिहारी महाराज जी द्वारा की गई थी। मंदिर की स्थापना के बाद पूरा गांव श्रीराम के भक्त बने और कंठी पूरे गांव के लोगों ने ली।
सबसे बड़ी बात यह है कि कंठी धारण करने के बाद यहां के ग्रामीण ना ही मांस खा सकते हैं और ना ही मदिरा का सेवन कर सकते हैं। वहां सभी ग्रामीणों ने मांस मदिरा त्याग दिया है।
बताया जाता है कि आज भी इस गांव में लगभग 90 % महिला और पुरुष मांस मदिरा का सेवन नहीं करते।
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भव्य मेला भी लगता था
बताया जाता है कि यहां पर भव्य मेला भी लगा करता था और साधु सन्यासी अयोध्या (Ram Mandir) से आते थे। आसपास के गांव के बहुत दूर से लोग यहां आते थे, यहां जगदलपुर से भी बड़ी संख्या में राम भक्त आते थे।
मगर नक्सल प्रकोप बढ़ने व नक्सलियों के द्वारा पूजा-पाठ (Ram Mandir) बंद करवा देने से सभी आयोजन बंद हो गए। नक्सलियों के दबाव में यहां मेला लगना पूरी तरह से बंद हो गया। इस मंदिर (Ram Mandir Sukma) को अपवित्र कर इसमें ताला मार दिया। इस गांव में एक पुजारी पारा है, जिसमें लगभग 25 घर हैं, वह इस मंदिर की पूजा-अर्चना व देखभाल किया करता था।