Ram Navami 2025: रामनवमी के अवसर पर प्रभु श्रीराम की नगरी अयोध्या ने भक्ति, श्रद्धा और रौशनी के संगम से एक नया इतिहास रच दिया है। रविवार को लाखों श्रद्धालुओं की मौजूदगी में सरयू घाट पर 2 लाख 51 हजार दीपों का प्रकाश फैला, जिससे पूरा घाट दिव्य और भव्य दिखाई दिया।

रामलला का सूर्यतिलक बना मुख्य आकर्षण
बता दें, इससे पहले सुबह 9:30 बजे रामलला का विशेष अभिषेक किया गया, जो पूरे एक घंटे चला। इसके बाद भगवान का भव्य श्रृंगार और 56 भोगों से आरती हुई। दोपहर 12 बजे, रामलला का सूर्यतिलक किया गया, जिसमें सूर्य की किरणें लगभग 4 मिनट तक भगवान के ललाट पर पड़ीं। यह प्रयोग इसरो के वैज्ञानिकों द्वारा पूरी तरह वैज्ञानिक पद्धति से विकसित किया गया था।

दीयों से सजी अयोध्या, दिवाली जैसा दृश्य
रामनवमी की संध्या पर सरयू तट पर दीपोत्सव जैसा नजारा देखने को मिला। 15 स्कूलों के बच्चों ने वालंटियर्स की भूमिका निभाई। पर्यटन विभाग के सहयोग से हुए इस कार्यक्रम में घाटों को दीपों से सजाया गया, जिससे श्रद्धालुओं को दीवाली का अनुभव हुआ।



श्रद्धा की गूंज: शंखनाद और भक्ति संगीत
पूरी अयोध्या में राम नाम की गूंज सुनाई दी। मंदिरों में शंखनाद, भजन और रामचरितमानस का पाठ हुआ। अंगद टीला पर कथा, श्रीराम चरितमानस और वाल्मीकि रामायण के पाठ आयोजित किए गए। भक्ति रस में डूबी अयोध्या की हवा ने हर भक्त को भावविभोर कर दिया।

राम जन्मभूमि ट्रस्ट ने किया आयोजन


राम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र ट्रस्ट के महासचिव चंपत राय ने मीडिया से बताया कि इस कार्यक्रम की शुरुआत 1 लाख मंत्रों के उच्चारण से हुई। उन्होंने बताया कि यह आयोजन न केवल आध्यात्मिक है, बल्कि आस्था की वैज्ञानिक प्रस्तुति भी है।
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