ग्वालियर की राजमाता माधवी राजे सिंधिया अब हमारी यादों का हिस्सा हैं. सिंधिया फैमिली की आखिरी महारानी का जीवन कई उतार-चढ़ाव से भरा रहा. माधवराव सिंधिया से उनकी शादी से लेकर बेटे ज्योतिरादित्य सिंधिया के सियासी सफ़र में राजमाता का ख़ास योगदान रहा है.आइये उनकी ज़िंदगी से जुड़े अहम पहलुओं पर नज़र डालते हैं. अब केवल यादों का हिस्सा, सिंधिया राजघराने की आखिरी महारानी.15 मई को दिल्ली में ली आखिरी सांस, आखिरी झलक के लिए उमड़ा शहर. नेपाल के राजघराने से था ताल्लुक, 1966 में सिंधिया फैमिली की बहू बनीं. माधवराव सिंधिया से हुई थी शादी, 1967 में बेटी चित्रांगदा का जन्म हुआ, 1971 में बेटे ज्योतिरादित्य का जन्म. 2001 में माधवराव का प्लेन क्रैश में निधन, राजमाता और माधवराव के बीच थी सेतु. बेटे ज्योतिरादित्य के साथ हमेशा खड़ी रहीं.
भोपाल में शिवमहापुराण: कथावाचक रिचा गोस्वामी बोलीं- सब नश्वर, एक दिन समाप्त हो जाएगा, भगवान की सत्ता हमेशा व्याप्त रहेगी
Bhopal Shivmahapuran: इस जगत की जो भी वस्तुएं हैं, वह सब नश्वर हैं। आज हैं, कल नहीं रहेंगे। संसार में...