Rajiv Gandhi Murder Case: इस वक्त की बड़ी खबर सामने आ रही है जहां पर आज शुक्रवार को सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है जिसमें हत्या के मामले में उम्रकैद की सजा काट रहे नलिनी और आरपी रविचंद्रन समेत छह आरोपियों को रिहा करने का निर्देश दिया है। बता दें कि, हत्याकांड में ये सभी आरोपी दोषी माने गए थे।
30 से ज्यादा का समय गुजार चुके आरोपी
आपको बताते चलें कि, इस मामले में 18 मई को सुप्रीम कोर्ट ने इस केस में दोषी पेरारिवलन को रिहाई का आदेश दिया था। बाकी दोषियों ने भी उसी आदेश का हवाला देकर कोर्ट से रिहाई की मांग की थी। जिसमें बताते चलें कि, नलिनी और रविचंद्रन दोनों 30 साल से ज्यादा का वक्त जेल में गुजार चुके हैं। जिन्हें हत्याकांड में मुख्य आरोपी बनाया गया था। कहा जा रहा है कि, जब नलिनी को राजीव गांधी की हत्या के आरोप में गिरफ्तार किया गया था, तब वह गर्भवती थी। उसकी प्रेग्नेंसी को दो महीने हो गए थे। तब सोनिया गांधी ने नलिनी को माफ कर दिया था। उन्होंने कहा था कि नलिनी की गलती की सजा एक मासूम बच्चे को कैसे मिल सकती है।
पेरारिवलन पर सुप्रीम कोर्ट के फैसले को ध्यान में रखते हुए अन्य 6 दोषियों(पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या मामले में) को भी SC ने रिहा कर दिया है: दोषियों के वकील, दिल्ली
पेरारिवलन को SC ने 18 मई को पूर्व PM राजीव गांधी की हत्या के मामले में रिहा कर दिया था। pic.twitter.com/23VDRVMY0C
— ANI_HindiNews (@AHindinews) November 11, 2022
जानें क्या थी 30 साल पुरानी घटना
आपको बताते चलें कि, यह घटना 21 मई, 1991 की बताई जा रही है जहां पर 21 मई, 1991 को तमिलनाडु के श्रीपेरंबुदूर में एक चुनावी रैली के दौरान धनु नाम की एक लिट्टे आत्मघाती हमलावर ने साजिश रचते हुए पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी की हत्या बम विस्फोट से की थी। बताया जा रहा है कि, महिला आतंकी धनु (तेनमोजि राजरत्नम) ने राजीव को फूलों का हार पहनाने के बाद उनके पैर छूए और झुकते हुए कमर पर बंधे विस्फोटकों में ब्लास्ट कर दिया। धमाका इतना जबर्दस्त था कि कई लोगों के चीथड़े उड़ गए। 16 की मौत के साथ कई घायल हुए थे।