Rajim Kumbh Kalp Mela: छत्तीसगढ़ की संगमनगरी राजिम में कुंभ कल्प मेले का आयोजन किया जा रहा है। मेले के 11वें दिन श्रद्धा और आस्था का भव्य दृश्य देखने को मिला। प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की धर्मपत्नी कौशल्या देवी साय ने महानदी महाआरती में भाग लेकर प्रदेश की सुख-समृद्धि की प्रार्थना की।
महाआरती में गूंजे वैदिक मंत्र, भक्तिभाव से सराबोर हुआ संगम क्षेत्र
शाम होते ही जबलपुर से आईं साध्वी प्रज्ञा भारती और ग्यारह विद्वान पंडितों के वैदिक मंत्रोच्चार के साथ महाआरती का शुभारंभ हुआ। जैसे ही आरती शुरू हुई, पूरा संगम क्षेत्र भक्तिमय हो उठा। दीपों की जगमगाहट, शंख ध्वनि और कपूर की सुगंध ने मेले के माहौल को आध्यात्मिक ऊर्जा से भर दिया।
संतों और श्रद्धालुओं की बड़ी उपस्थिति
महाआरती के इस पावन अवसर पर आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी विशोकानंद महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी प्रेमानंद गिरि, महामंडलेश्वर नवल गिरी महाराज, महामंडलेश्वर स्वामी शैलेशानंद महाराज, संत गुरुशरण महाराज (पंडोखर सरकार), रामबालक दास महाराज और स्वामी ज्ञान स्वरूपानंद अक्रिय जी महाराज सहित बड़ी संख्या में श्रद्धालु, साधु-संत, अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे।
जय श्रीराम के उद्घोष से गूंज उठा त्रिवेणी संगम
आरती के दौरान जब श्रद्धालुओं ने “जय-जय श्रीराम” के गगनभेदी उद्घोष किए, तो पूरा त्रिवेणी संगम क्षेत्र भक्तिरस में डूब गया। यह अद्वितीय दृश्य श्रद्धालुओं के लिए दिव्यता की अनुभूति लेकर आया।
छत्तीसगढ़ की धार्मिक पहचान बना राजिम कुंभ मेला
राजिम कुंभ कल्प मेला छत्तीसगढ़ की धार्मिक और सांस्कृतिक पहचान बन चुका है। इस महाआरती ने श्रद्धालुओं के हृदय को शुद्ध किया और पूरे प्रदेश में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार किया। हर दिन आस्था के नए रंग बिखेरता यह मेला श्रद्धालुओं के लिए आध्यात्मिक और सांस्कृतिक अनुभव का अनमोल केंद्र बना हुआ है।