रिपोर्ट। पंकज शर्मा
राजगढ़। राजगढ़ जिले के एक छोटे UPSC Examination से गांव का Rajgarh उदनखेड़ी udankhedi ने एक ऐसा काम कर दिखाया है जिसे लेकर उसका परिवार ही नहीं बल्कि पूरा गांव खुशी से झूम उठा है। पढ़ाई की लगन और किसी लक्ष्य को हासिल करने की ललक हो तो कोई भी चीज हासिल की जा सकती है। जी हां ऐसा ही कुछ कर दिखाया है जिले के उदनखेड़ी गांव के योगेश राजपूत Yogesh Rajput of Udankhedi ने। जिसने यूपीएससी परीक्षा में बिना किसी कोचिंग के 12वीं रैंक हासिल की है। तो चलिए जानते हैं योगेश राजपूत की।
दूसरी बार में बिना कोचिंग हासिल की सफलता — Rajgarh
आपको बता दें जिले के छोटे से गांव उदनखेड़ी के योगेश राजपूत (Yogesh Rajput of Udankhedi) ने यूपीएससी परीक्षा (UPSC Examination) में सफलता हासिल की है। इसकी इस सफलता पर परिवार ही नहीं पूरे गांव में जश्न का माहौल है। लोग ढोल नगाड़े के साथ नाच—नाच कर खुशियां जाहिर कर रहे हैं। जेैसे ये योगेश की नहीं बल्कि उनकी सफलता है। गांव के मध्यम परिवार में पले योगेश राजपूत ने देश की सबसे बड़ी परीक्षा यूपीएससी में रिजर्व सीट में 12वीं रैंक दर्ज (12th rank in the reserve seat in UPSC) की है। सोमवार की शाम जैसे ही यूपीएससी का रिजल्ट आया, खबर लगते ही गांव में जश्न का माहौल हो गया है।
सेल्फ स्टडी, नियम से मिली सफलता —
योगेश ने अपनी इस सफलता के पीछे सेल्फ स्टडी को बताया है। साथ ही उनके अनुसार एक समय निर्धारित और लक्ष्य तय करके पढ़ाई करना उनकी सफलता की पूंजि है। योगेश राजपूत की सफलता के जश्न में गांव में ढोल नगाड़े,आतिशबाजी के साथ जुलूस निकाला गया। यह राजगढ़ जिले के लिए गौरव की बात है। आपको बता दें कि योगेश राजपूत के पिता बहादुर सिंह राजपूत गांव में एक छोटी सी जूते—चप्पल की दुकान चलाते हैं। योगेश ने काफी कठिन परिस्थितियों में प्रारंभिक पढ़ाई अपने गांव उदनखेड़ी व पचोर से की है। उसके बाद उन्होंने इंदौर में रहकर बिना किसी कोचिंग के सेल्फ पढ़ाई कर यूपीएससी में सफलता अर्जित की है।