नई दिल्ली। आयकर विभाग ने विद्युत उपकरण निर्माण और कर्ज देने के कारोबार से जुड़े राजस्थान के दो समूहों पर छापेमारी में 300 करोड़ रुपये की बेहिसाबी आय का पता लगाया है। सीबीडीटी ने मंगलवार को यह जानकारी दीये छापे 22 दिसंबर को मारे गए और जयपुर, मुंबई तथा हरिद्वार में स्थित दो अज्ञात समूहों के करीब 50 परिसरों में तलाशी ली गयी।
केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने एक बयान में कहा, ‘‘जब्त किए गए सबूतों के प्रारंभिक विश्लेषण से पता चलता है कि स्विच, तारें, एलईडी आदि बनाने के कारोबार में शामिल कई इकाइयां नियमित बहीखाते में दर्ज किए बिना ऐसे सामान बेच रही है। वे कर योग्य आय को कम करने के लिए फर्जी खर्चों का दावा कर रहे हैं।’’आयकर विभाग के लिए नीति निर्धारण संस्था ने कहा कि लेनदेन के सबूतों से 150 करोड़ रुपये से अधिक की आय का पता चला है जिसका खुलासा नहीं किया गया था।उसने दावा किया कि समूह के एक ‘‘अहम व्यक्ति’’ ने 55 करोड़ रुपये की अज्ञात आय ‘‘स्वीकार’’ की और इस पर कर देने की पेशकश दी।
सीबीडीटी ने बताया कि एक अन्य समूह से संबंधित जब्त किए गए दस्तावेजों के विश्लेषण से पता चला कि ज्यादातर कर्ज नकद में दिए गए और इसके लिए ब्याज की उच्च दर ली गयी। उसने कहा, ‘‘इस कारोबार में शामिल व्यक्तियों की आय की विवरणी में न तो अग्रिम कर्ज और न ही उस पर अर्जित ब्याज से हुई आय का खुलासा किया गया है।’’उसने बताया कि इस समूह की 150 करोड़ रुपये से अधिक की अज्ञात आय के सबूत मिले हैं। विभाग ने दोनों समूहों की 17 करोड़ रुपये की नकदी तथा आभूषण भी जब्त किए हैं।