रोचक किस्सा : देश की सत्ता तक जाने के लिए उत्तरप्रदेश की राजनीति अपना अहम रोल निभाती है। क्योंकि उत्तरप्रदेश भारत के राज्यों में से सबसे बड़ा राज्य है। यूपी में 80 लोकसभा सीटें है। जो अन्य राज्यों की लोकसभा सीटों से कहीं अधिक है। उत्तरप्रदेश की राजनीति देशभर में अपनी एक अलग पहचान बनाती आई है। आज उत्तरप्रदेश की राजनीति का एक ऐसा किस्सा बताने जा रहे है जो शायद ही बहुत कम लोगों को पता है। हम एक ऐसे मुख्यमंत्री (UP CM Sampurnanand) के बारे में बताने जा रहे है जिनके खर्चे का पूरा पैसा दूसरे राज्य के मुख्यमंत्री उठाते थे।
आज के समय मुख्यमंत्री बनने के लिए नेता पानी की तरह पैसा बहा देते है। वही सीएम पद मिलने के बाद करोड़ों-अरबों की संपत्ति जुटा लेते है। लेकिन एक ऐसा भी दौर था, जब कोई मुख्यमंत्री अपना खर्च तक नहीं उठा पाते थें, इसके लिए उन्हें दूसरे राज्यों के मुख्यमंत्री मदद करते थे। हम बात कर हैं उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री रहे संपूर्णानंद जी (UP CM Sampurnanand)। संपूर्णानंद जी यूपी के शिक्षा मंत्री के अलावा मुख्यमंत्री और राजस्थान के राज्यपाल भी रहें।
संपूर्णानंद (UP CM Sampurnanand) जी भले ही राजनीति के बड़े से बड़े पदों पर रहे लेकिन जब बुजुर्ग अवस्था में पहुचें तो उकनी आर्थिक स्थिति काफी खराब हो चुकी थी। हालत ऐसे बन गए थें कि उनके रहने, खाने कुल मिलाकर उनके जीवन यापन का खर्च राजस्थान के तत्कालीन मुख्यमंत्री मोहनलाल सुखाडिय़ा (Chief Minister Mohanlal Sukhadia) उठाते थे। मोहनलाल सुखाडिय़ा (Chief Minister Mohanlal Sukhadia) उन्हें हर महीने उनके जीवन यापन के लिए पैसों की मदद भेजा करते थे। बताया जा है। कि मोहनलाल सुखाडिय़ा (Chief Minister Mohanlal Sukhadia) यूपी के सीएम रहे संपूर्णानंद जी (UP CM Sampurnanand) का सम्मान करते थे। राजस्थान के जोधपुर में संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय भी बना है।
कौन थे संपूर्णानंद
संपूर्णानंद (UP CM Sampurnanand) मुख्यमंत्री, शिक्षामंत्री और राज्यपाल जैसे बड़े पदों पर रहे। उनका जन्म 1 जनवरी 1890 को बनारस में हुआ था। संपूर्णानंद जी (UP CM Sampurnanand) ने अपने करियर की शुरूआत सत्याग्रह आंदोलनों से की थी। इसके बाद वह राजनीति में आ गए थे। सन 1926 में संपूर्णानंद जी को कांग्रेस ने पहली बार टिकट दिया था। संपूर्णानंद जी (UP CM Sampurnanand) ने कांग्रेस के टिकट पर विधायक का चुनाव भी जीता। सन 1937 में कांग्रेस सरकार में उन्हें शिक्षा मंत्री बनाया गया था।
ऐसे बने यूपी के सीएम संपूर्णानंद
सन 1954 में प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने यूपी के तत्कालिक मुख्यमंत्री गोविंद बल्लभ पंत को जब केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल कर लिया तब उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री की कमान संपूर्णानंद (UP CM Sampurnanand) के हाथों में सौंपी गई। संपूर्णानंद 1962 तक यूपी के मुख्यमंत्री रहे। इसके बाद उन्हें राजस्थान के राज्यपाल पद की जिम्मेदारी दी गई। 10 जनवरी 1969 को उनका निधन हो गया।