रायसेन। के जिला अस्पताल में हालात सुधरने का नाम नही ले रहा है। अस्पताल की लापरवाही एक बार फिर सामने आई है। जहां एक महिला जिसे स्लाइन लगी हुईं है अस्पताल में वह अपने हाथ में ही बॉटल लेकर दर्द से कराहते हुए घूम रही है। यह पहली बार नहीं हो रहा है। जब इस तरह के हालात हमारे सामने है।
पहले भी इस प्रकार की लापरवाही को देखा गया है। उस महिला के साथ उसका पति बबलू भी था। महिला के पति ने पहले ही नर्स को पर्चा दिखाते हुए बताया था कि मनीषा को चक्कर आ रहा हैं उसे भर्ती करना है, लेकिन नर्स ने महिला की हालत पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दिखाई।
स्टॉफ द्वारा महिला स्लाइन लगाकर छोड़ दिया गया
डॉक्टरी जांच के बाद इमरजेंसी इलाज के लिए महिला ट्रामा यूनिट के कमरा नंबर 6 में पहुंची। वहां किरण लिल्होरे और सरोज उइके ड्यूटी पर तैनात थीं। नर्सिंग स्टॉफ द्वारा महिला स्लाइन लगाकर छोड़ दिया गया। इससे महिला अपने अपने हाथ में बाटल लेकर सीढ़ियां चढ़ते हुए पहले माले पर पहुंची। वहां भी पूछताछ करते हुए महिला वार्ड में पहुंची, लेकिन उसे फिर भर्ती का पर्चा लाने के लिए कह दिया गया।
जब डॉक्टर ने जांच की
घबराहट और चक्कर आने की शिकायत होने से वह इलाज कराने के लिए दोबारा माखनी गांव से जिला अस्पताल पहुंची थी। जहां अस्पताल में डॉ. शर्मा के मुताबिक किसी को इस तरह से स्लाइन लगाकर बाटल में नहीं पकड़ा सकते हैं। मरीज को भर्ती करने के पहले इमरजेंसी में भी स्लाइन लगाई गई है तो भी व्हील चेयर पर या वार्ड बाय के साथ ही महिला मरीज को महिला वार्ड तक ले जाकर भर्ती कराया जाना चाहिए था। डॉक्टर के कहने के मुताबिक लापरवाही तो हुई है।