छत्तीसगढ़ के रायपुर दक्षिण सीट से बीजेपी के उम्मीदवार सुनील सोनी दो बार रायपुर के महापौर रह चुके हैं। उन्होंने संगठन के कई पदों पर भी कार्य किया है। लंबे समय तक नगर निगम के मेयर रहे सुनील सोनी ने 17वीं लोकसभा चुनावों में बड़े अंतर से जीत हासिल कर संसद में अपनी जगह बनाई। उनकी राजनीतिक यात्रा गली-मोहल्ले की राजनीति से शुरू हुई।
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सुनील सोनी का जन्म 28 नवंबर 1961 को रायपुर के एक निम्न मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ। वे कंवर लाल सोनी और रुक्मणी देवी सोनी की सबसे छोटी संतान हैं। उनके पिता सोने-चांदी की कटिंग और रोलिंग का काम करते थे।
कॉलेज सचिव पद के लिए लड़ा चुनाव
सुनील ने मैट्रिक के बाद दुर्गा कॉलेज में दाखिला लिया, जहां उनकी राजनीति में रुचि बढ़ी। उनके पिता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सदस्य थे, जिससे सुनील का संघ, विद्यार्थी परिषद और भाजपा से जुड़ाव हुआ।
दुर्गा कॉलेज में बीकॉम के दौरान उन्होंने कॉलेज सचिव पद के लिए चुनाव लड़ा, लेकिन हार गए। एम.कॉम करते समय अध्यक्ष पद के लिए भी चुनाव में असफल रहे। 1983 में उन्होंने अध्यक्ष पद के लिए फिर से चुनाव लड़ा। आर्थिक रूप से कमजोर होने के बावजूद, छात्राओं के जबरदस्त समर्थन के चलते उन्होंने चुनाव जीत लिया।
बृजमोहन के करीबी बन गए

जब सुनील सोनी राजनीति में आए, तब बृजमोहन अग्रवाल छात्र राजनीति में एक प्रमुख नाम थे। उनकी समृद्धि और खर्चीले तरीके सुनील के लिए चुनौतीपूर्ण थे, लेकिन धीरे-धीरे वे भी अपनी पहचान बनाने में सफल हुए। एक समय ऐसा आया कि वे बृजमोहन के बहुत करीबी बन गए, और उन्होंने बृजमोहन के पांच विधानसभा चुनावों का संचालन भी किया।
सत्रहवीं लोकसभा के लिए हुए निर्वाचित
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सुनील सोनी भाजपा जिला कमेटी से जुड़े और रायपुर नगर निगम में पार्षद चुने जाने के बाद 2000 से 2003 तक सभापति रहे। इसके बाद, 2004 से 2010 तक रायपुर नगर निगम के महापौर रहे। 2011 से 2013 तक उन्होंने रायपुर डेवलपमेंट अथॉरिटी के अध्यक्ष का पद संभाला। 2014 में, वे भाजपा संगठन में प्रदेश उपाध्यक्ष बने और मई 2019 में सत्रहवीं लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए।