Indian Railway: पश्चिम मध्य रेलवे सहित अन्य जोन की ट्रेनों में स्लीपर व सामान्य कोच हटाकर लगातार एसी कोच लगाये गए हैं, जिससे मध्यम वर्गीय परिवारों को यात्रा करने में मुश्किलें बढ़ीं हैं और इस बात की शिकायत रेलवे बोर्ड व केंद्र सरकार को लगातार मिलती रही हैं।
अब रेलवे बोर्ड ने जनता को बड़ी राहत देते हुए यह निर्णय लिया है कि आने वाले दिनों में जो भी एक्सप्रेस व मेल ट्रेने है उनमें AC के दो कोच हटाकर उनकी जगह स्लीपर या सामान्य कोच लगाये जाएंगे। इसके लिए रेलवे बोर्ड ने बाकायदा सभी रेलवे जोनों को आदेश भी जारी कर दिया है।
उत्तर मध्य रेलवे से हुई शुरूआत
उत्तर मध्य रेलवे की एक्सप्रेस व मेल ट्रेनों में सामान्य कोच लगाने का काम शुरू कर दिया गया है। रेलवे अधिकारियों के मुताबिक अभी तीन से चार गाड़ियों में सामान्य कोच बढ़ाये गए है। जल्द ही सभी गाड़ियों में सामान्य कोच लगा दिये जायेगे।
कब तक तैयार हो जाएंगे कोच
रेलवे बोर्ड की बैठक में फैसला हुआ है कि 2,500 ट्रेनों में कोच बढ़ाने का काम इसी वित्तवर्ष (financial year) यानी मार्च, 2025 तक पूरा हो जाएगा। इसके साथ ही 1,377 स्लीपर कोच भी बनाए जा रहे हैं। रेलवे ने अपने कोच प्रोडक्शन की कैपिसिटी को भी बढ़ाया है।
वित्तवर्ष 2014-15 में जहां सालाना 555 LHB कोच बनाने की क्षमता थी, वहीं 2023-24 में यह 7,151 कोच पहुंच गई और चालू वित्तवर्ष में इसे 8,692 कोच तक पहुंचा दिया जाएगा। इसमें अमृत भारत और वंदे भारत कोच भी शामिल हैं।
रेलवे की आय होगी प्रभावित यात्रियों को मिलेगी राहत
रेलवे बोर्ड के आदेश के अनुसार ट्रेनों से दो एसी के डिब्बों की जगह स्लीपर या सामान्य कोच लगाने से निश्चित रूप से रेलवे की आय कम होगी। वही अधिकारियों का कहना है कि वंदे भारत, वंदे मेट्रे, वंदे स्लीपर और शताब्दी जैसी ट्रेनों से जहां रेलवे की आय बढ़ रही है वही यात्रियों का सुविधा भी मिल रही है। ट्रेनों में स्लीपर और सामान्य कोच बढ़ाने से मध्यम वर्गीय परिवार को बड़ी राहत मिलेगी।