Railway: भारत की तरह पड़ोसी देशों में भी लोग ज्यादा से ज्यादा सफर रेलवे से ही करते हैं। हालांकि, चीन को छोड दिया जाए, तो भारत की तरह बाकी पड़ोसी देशों में रेलवे का विस्तार उतना नहीं है। खासकर बांग्लादेश की बात करें तो यहां रेलवे के पास 2,855 KM का ही रेल मार्ग है। लेकिन फिर भी बांग्लादेश रेलवे (Bangladesh Railway) एक खास वजह से पूरी दुनिया में जानी जाती है। दरअसल, यहां ट्रेने ड्यूल ट्रैक पर चलती है। यानी बांग्लादेश में तीन रेलवे ट्रैक का उपयोग किया जाता है। सुनने में थोड़ा अजीब जरूर लग रहा है, लेकिन ये सच है।
गेज के अनुसार रेलवे ट्रैका निर्माण किया जाता है
बता दें दुनियाभर में रेलवे ट्रैक को गेज के अनुसार बनाया जाता है। इस कारण से आप देश के अलग-अलग हिस्सों में पटरियों की चौड़ाई को अलग-अलग पाते होंगे। कहीं कुछ कम चौड़ी पटरियां होती हैं तो कहीं कुछ अधिक चौड़ी। इन्हें अक्सर लोग बड़ी लाइन और छोटी लाइन भी कहते हैं। हालांकि 60% दुनिया की रेलवे 1,435 mm की मानक गेज का उपयोग करती है। वहीं भारत (Indian Railway) में 4 प्रकार के रेलवे गेज का उपयोग किया जाता है। ब्रॉड गेज (broad gauge), मीटर गेज (meter gauge), नैरो गेज (narrow gauge) और स्टैण्डर्ड गेज (standard gauge) । स्टैणडर्ड गेज का इस्तेमाल भारत में मेट्रो के लिए किया जाता है। वहीं देश में 95 प्रतिशत रेलवे ट्रैक ब्रॉड गेज के हैं।
बांग्लादेश में ड्यूल गेज रेलवे ट्रैक का इस्तेमाल किया जाता है
वहीं बाग्लादेश की बात करें तो यहां ड्यूल गेज का इस्तेमाल किया जाता है। इस ट्रैक में तीन रेलवे लाइनें हैं। पहले यहां केवल मीटर गेज का प्रयोग होता था, लेकिन रेलवे के विस्तार के कारण भारत की तरह यहां भी ब्रॉड गेज की आवश्यकता पड़ी। मीटर गेज को ब्रॉड गेज में बदलने में काफी खर्च भी आ रहा था। ऐसे में बांग्लादेश रेलवे इतनी दूर तक फैले मीटर गेज के रेलवे नेटवर्क को किसी भी किमत पर बंद करना नहीं चाहती थी। क्योंकि इस परिवर्तन से न सिर्फ रेलवे ट्रैक को बदलना पड़ता, बल्कि उसके साथ कोच, लोकोमोटिव और सारी चीजों को भी परिवर्तन करना पड़ता।इसलिए बांग्लादेश रेलवे ने एक नए ट्रैक का विस्तार किया। जिसे dual रेलवे ट्रैक के नाम से जाना जाता है।
क्या होता है dual रेलवे ट्रैक?
ड्यूल रेलवे ट्रैक एक ऐसा रेलवे ट्रैक होता है जो दो अलग-अलग गेज के ट्रेन को एक ही ट्रैक पर चलाने में सक्षम होता है। रेलवे की भाषा में इसे मिक्स्ड गेज (Mixed guage) भी कहते हैं। इस ट्रैक को ब्रॉड गेज और मीटर गेज का मिलाकर बनाया जाता है। इसमें तीन रेल होते हैं। जिसमें दो गेज वाले रेल होते हैं और तीसरा कॉमन होता है। कॉमल रेल अलग-अलग गेज के ट्रेन के लिए काम आता है। गौरतलब है कि बांग्लादेश के अलावा कुछ और भी हैं जो इस तरह के ड्यूल गेज का इस्तेमाल करते हैं