भोपाल। कोरोना महामारी को लेकर अब रेलवे सख्त हो गया है। रेलवे ने ट्रेनों में सेंसेटिव कोच बनाने की तैयारी शुरू कर दी है। यह सेंसेटिव कोच इस तरह से बनाए जाएंगे कि कोरोना यहां पहुंचने के बाद जिंदा नहीं बचेगा। कोच में प्लाज्मा थैरेपी का प्रयोग किया जाएगा, जिसके माध्यम से हवा में ही कोरोना को पूरी तरह से खत्म करने की व्यवस्था की जा रही है। वहीं सीनियर डीसीएम विजय प्रकाश के मुताबिक कोरोना सेंसेटिव का सबसे पहला ट्रायल शान-ए-भोपाल एक्सप्रेस के लिए किया जाएगा। उनका कहना है कि कोरोना एक बहुत बड़ी महामारी है और इसकी रोकथाम के लिए एलएचबी कोच को सेंसेटिव कोच बनाने का फैसला किया गया है। जिससे कोरोना वायरस को कुछ ही मिनटों में खत्म किया जा सकता है। जानकारी के मुताबिक इस कोच को तैयार करने का काम जुलाई तक शुरू हो सकता है। जल्द ही कोच निर्माण को लेकर रेल मंत्रालय से ऑर्डर मिलने की संभावना भी जताई जा रही है।
कोच की ये रहेंगी विशेषताएं
कोरोना से बचाव के लिए ट्रेन में एसी के साथ नॉन एसी कोच भी बनाए जाएंगे। ट्रेन में ह्यूमन टच का विशेष तरह से ध्यान रखा गया है। कोच के अंदर कुछ इस तरह से तैयारी की गई है कि कोरोना वायरस यहां जीवित नहीं रहेगा। कोच में बने सभी गेटों पर कॉपर कोटिंग की गई है। इसके साथ ही वॉशरूम के टेब, सोप डिसपेंसर को टच लैस बनाने की व्यवस्था की गई है। सेंसेटिव कोच को मुख्य रूप से कोरोना से बचाव के लिए तैयार किया जा रहा है। जिससे यत्रियों को सफर के दौरान कोरोना का खतरा ना रहे।