नई दिल्ली। Rahul Gandhi Passport दिल्ली की एक अदालत ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को दस वर्ष के बजाय तीन वर्ष के लिए ‘‘सामान्य पासपोर्ट’’ जारी किए जाने के वास्ते शुक्रवार को अनापत्ति प्रमाणपत्र (एनओसी) जारी कर दिया।
जाने क्या है पूरा मामला
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता सुब्रमण्यम स्वामी की आपत्ति के कारण राहुल को दस वर्ष के बजाए तीन वर्ष के लिए ‘‘सामान्य पासपोर्ट’’ जारी किए जाने के वास्ते एनओसी दिया गया। राहुल गांधी को गुजरात के सूरत की एक अदालत द्वारा आपराधिक मानहानि के एक मामले में दोषी ठहराए जाने के बाद सांसद के रूप में अयोग्य घोषित कर दिया गया था। इसके पश्चात राहुल ने राजनयिक यात्रा दस्तावेज लौटा दिए थे।
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मजिस्ट्रेट वैभव मेहता ने कही बात
अतिरिक्त मुख्य मेट्रोपॉलिटन मजिस्ट्रेट वैभव मेहता ने अपने आदेश में कहा, ‘‘मैं आंशिक रूप से आपकी अर्जी मंजूर कर रहा हूं। दस वर्ष के लिए नहीं बल्कि तीन वर्ष के लिए।’’ अदालत ने इस बात पर गौर किया कि नेशनल हेराल्ड मामला शिकायतकर्ता की जिरह के स्तर पर लंबित है और राहुल गांधी व्यक्तिगत तौर पर या वकील के माध्यम से लगातार पेश हो रहे हैं और उन्होंने न ही कार्रवाई में व्यवधान डाला है और न ही उसमें देरी होने दी है। कांग्रेस नेता राहुल गांधी नेशनल हेराल्ड मामले में आरोपी हैं और इसमें भारतीय जनता पार्टी के नेता सुब्रमण्यम स्वामी शिकायतकर्ता हैं।
न्यायाधीश ने कहा,‘‘ इस अदालत ने इसमें शामिल जनहितों को ध्यान में रखा है। साथ ही विदेश यात्रा के आवेदक के अधिकारों को भी ध्यान में रखा है। इसलिए यह अदालत दोनों ओर की दलीलों को सुनने के बाद तथा रिकॉर्ड देखने के बाद यह राय रखती है कि अगर आवेदक को नियम के अनुसार तीन वर्ष के लिए पासपोर्ट के नवीनीकरण के वास्ते एनओसी दे दी जाती है तो न्यायिक हित की पूर्ति होगी।’’ राहुल गांधी का जून के पहले सप्ताह में अमेरिका जाने का कार्यक्रम है,जहां वह विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ बातचीत करेंगे।
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इन कार्यक्रमों में शामिल होना चाहते है राहुल
राहुल का सैन फ्रांसिस्को, वाशिंगटन और न्यूयॉर्क जाने का कार्यक्रम है, जहां वह भारतीय अमेरिकियों की दो बैठकों को संबोधित कर सकते हैं, संसद भवन में सांसदों और थिंक टैंक के सदस्यों से मुलाकात कर सकते हैं, साथ ही विश्वविद्यालय के छात्रों से बातचीत कर सकते हैं। मजिस्ट्रेट की अदालत ने राहुल के वकीलों और स्वामी की जिरह सुनने के बाद अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था। जिरह के दौरान भाजपा नेता सुब्रमण्यम स्वामी ने याचिका का विरोध करते हुए कहा कि ‘‘इसमें कोई दम नहीं है’’ और पासपोर्ट केवल एक वर्ष के लिए जारी किया जाना चाहिए तथा प्रत्येक वर्ष इसका नवीनीकरण किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘ यह विशेष मामला है। दस वर्षों के लिए पासपोर्ट जारी नहीं किया जाना चाहिए। यह गलत है।’’
Rahul Gandhi’s fresh passport matter | Delhi Court reserves order on the matter. Order will be passed at 1 pm.
(File pic) pic.twitter.com/i9ecW5dyDk
— ANI (@ANI) May 26, 2023
मानहानि का लग चुका है मामला
स्वामी ने अपनी दलील में यह भी कहा कि राहुल की नागरिकता भी सवालों के घेरे में हैं क्योंकि उनके पास ब्रिटेन की नागरिकता है । राहुल की ओर से पेश वकील तरन्नुम चीमा ने इस पर एतराज उठाया और दावा किया कि नागरिकता के मुद्दों पर आपराधिक कार्रवाई के अनुरोध संबंधी दो याचिकाएं उच्च न्यायालयों द्वारा पहले ही खारिज की जा चुकी हैं। चीमा ने वकील निखिल भल्ला और सुमित कुमार के साथ मिलकर अदालत से अनुरोध किया कि पासपोर्ट दस वर्षों के लिए जारी किया जाए क्योंकि उच्च न्यायालयों ने अधिक गंभीर अपराधों में इस प्रकार की राहतें दी हैं जबकि वर्तमान मामले में आरोप तक तय नहीं हुए हैं। गौरतलब है कि नेशनल हेराल्ड मामला भाजपा नेता स्वामी की एक निजी आपराधिक शिकायत पर आधारित है, जिसमें उन्होंने कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी तथा अन्य पर धोखाधड़ी, साजिश तथा आपराधिक विश्वास भंग के आरोप लगाए हैं।