नई दिल्ली । गणतंत्र दिवस में होने वाले कार्यक्रमों की तैयारियां पूरी हो चुकी हैं. हर साल की तरह इस साल भी इस राष्ट्रीय पर्व को यादगार बनाने की कोशिश की गई है. ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन के परेड का निमंत्रण स्वीकार करने के बाद उनके भारत आने की उम्मीद जताई जा रही थी, लेकिन फिर कोविड को मध्येनज़र रखते हुए उनका दौरा रद्द हो गया. कोरोना गाइडलांइस के तहत ही सभी प्रकार के सरकारी कार्यक्रम होंगे. कोरोना के चलते प्रशासन ने सरकारी कार्यक्रमों को उतना वृहत नहीं रखा है लेकिन फिर भी 2021 का ये गणतंत्र दिवस ऐतिहासिक होने वाला है. क्योंकि इस साल होने वाली परेड में राफेल विमान शामिल होने जा रहा है. जी हां, वही राफेल जिसे पिछले साल सितंबर 2020 भारत ने फ्रांस से खरीदा था. अब राफेल लड़ाकू विमान पहली बार 26 जनवरी की परेड में नजर आने वाला है.
देश की पहली महिला फाइटर पायलटों में से एक लेफ्टिनेंट भावना कंठ की झांकी होगी. वह हल्के लड़ाकू विमान, हल्के लड़ाकू हेलीकॉप्टर और सुखोई 30 विमानों के मॉकअप का प्रदर्शन करेगीं. झांकी के अगले हिस्से में लद्दाख की कला, वास्तुकला, भाषा व बोलियां, रीति रिवाज, परिधान, साहित्य और विरायत को दर्शाया जाएगा. बुद्ध की 49 फीट की प्रतिमा होगी और पिछला हिस्सा थिकसे मठ को दर्शाया जाना है. लद्दाख की झांकी कलाकार वीर मुंशी ने तैयार की है.
इस बार गणतंत्र दिवस में दर्शकों में भी कमी आएगी. केवल 25 हजार लोगों को ही आने की अनुमति दी गई है. जबकि पिछले साल एक लाख 50 हजार दर्शक थे. और इस बार15 साल के कम आयु के बच्चों को प्रवेश नहीं मिल पाएगा. वहीं परेड इंडिया गेट के सी-हेक्सागॉन में स्टेडियम तक जाएगी. और झांकी ही लाल किले तक जाएगी. इस साल गणतंत्र दिवस में पहली बार बांग्लादेश सशस्त्र बलों की एक टुकड़ी भाग लेने वाली है. जिसमें 122 सैनिक होंगे. इससे पहले फ्रांस 2016 और यूएई 2017 के सैनिकों ने परेड में भाग लिया है. इस साल कोरोना महामारी के कारण कोई विदेशी मेहमान गणतंत्र दिवस में भारत आना कैंसल हो गया है.