World Radio Day : आज पूरी दुनिया में एक समय में मनोरंजन से लेकर खबरों तक का साधन रहने वाले रेडियो को दिवस मनाया जा रहा है। एक समय था, गांव से लेकर शहरों में रेडियो मनोरंजन का साधान था। उस समय जिसके पास रेडियो हुआ करता था, उसे बड़े आदमी की नजरों से देखा जाता था। लेकिन आज के डिजिटल युग में मनोरंजन और खबरों के लिए सैंकड़ो टीवी चैनलों का रिमोट आपके हाथ में है। हालांकि देश के कई गांवों में आज भी बुजुर्ग लोग रेडियो का इस्तेमाल करते है। लेकिन आज के दौर में रेडियो की भूमिका और प्रासंगिकता पर प्रश्न भी उठते हैं। जो आज हम रेडियो दिवस के बहाने जानने की कोशिश करते है।
रेडियो का आविष्कारक कौन?
रेडियो का आविष्कार गूल्येलमो मार्कोनी ने किया था। हालांकि रेडियो की खोज में तीन वैज्ञानिकों का नाम सामने आता है, जो Guglielmo Marconi, Reginald Fessenden और William Dubilier है। इन तीनों वैज्ञानिको की कड़ी मेहनत के बाद दुनिया को मनोरंजन का पहला साधन मिला था। रेडियो की खोज साल 1895 में हुई थी। रेडियो की खोज से पहले James Clerk Maxwell ने चुंबकीय उर्जा तरंगों का एक स्थान से दूसरे स्थान तक भेजे जाने की पुष्टि की थी, लेकिन वह अपनी इस बात की पूरी तरह से साबित नहीं कर पाए थे। इसे बाद साल 1895 में गुल्येल्मो मार्कोनी ने टेलीग्राम की खोज की और फिर रेडियो का सिग्नल भेजा। USA पेटेंट के रिकॉर्ड के अनुसार बताया जाता है कि गूल्येलमो मार्कोनी ने साल 1896 में रेडियो का अविष्कार किया था।
सेनाओं के लिए किया गया था आविष्कार!
गुलिएल्मो मार्कोनी ने रेडियो का आविष्कार साल 1896 में किया था। बताया जाता है कि मार्कोनी ने रेडियो की खोज सेनाओं की मदद के लिए की थी और सेनाओं ने शुरुआत में इस खोज का उपयोग भी किया था। सेनाओं के बाद इस खोज का उपयोग सरकारें करने लगी। इसके बाद कई बड़ी कंपनियों ने पॉडकास्टिंग के लिए रेडियो का उपयोग करना शुरू कर दिया।
क्या है रेडियो का इतिहास
रेडियो की शुरूआत ब्रिटिश वैज्ञानिक James Clerk Maxwell ने की थी। उन्होंने सबसे पहले इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगों पर काम किया था। लेकिन वह इलेक्ट्रोमैग्नेटिक तरंगों का सटीक सिद्धांत नही दे पाए थे। इसके बाद इस खोज को Oliver Heaviside ने आगे बढ़ाया, लेकिन वह भी तरंगों का प्रमाण देने में फेल हो गए। इसके बाद जगदीश चन्द्र बसु और ओलिवर लॉज जैसे वैज्ञानिकों ने खोज को आगे बढ़ाया।
भारत में कब शुरू हुआ रोडियो का प्रसारण
भारत में पहली बार रेडियो का प्रसारण साल 1920 में मुम्बई में शुरू किया गया था। इसके लिए मुम्बई में रेडियो क्लब बनाया गया था, जिसके माध्यम से साल 1923 में पहले बड़े कार्यक्रम का प्रसारण किया गया। मुंबई में सफलता मिलने के बाद कलकत्ता में रेडियो प्रसारण सेवा की स्थापना की गई। उस दौरान रेडियो प्रसारण सेवा निजी हाथों में हुआ करती थी, लेकिन 1930 में ट्रांसमीटरों को सरकार के अपने नियन्त्रण में ले लिया और उसका नाम भारतीय प्रसारण सेवा रखकर प्रसारण शुरू किया। फिर इसका नाम ‘आल इंडिया रेडियो’ कर दिया गया। इस समय भारत में कुल 223 रेडियो स्टेशन है, जिन्हें आकाशवाणी के नाम से जाना जाता है।
कहां बना था दुनिया का पहला रेडियो स्टेशन
दुनिया का पहला रेडियो स्टेशन सबसे पहले न्यूयॉर्क में 1918 में बनाया गया था, जिसको द फॉरेस्ट नाम से शुरू किया गया था। लेकिन बाद में इसे प्रशासन द्वारा बंद करवा दिया गया। इसके बाद कानूनी तौर पर साल 1920 में फिर से शुरू किया गया।