RAILWAY NEWS: हाल ही में बिहार,यूपी,समेत कई राज्यों में सरकार की अग्निपथ योजना (Agnipath Scheme Protest) के खिलाफ विरोध प्रदर्शन हो रहा है।शुरुआत में चक्के जाम से शुरु हुआ विरोध धीरे-धीरे हिंसा में तब्दील हो गया। कई जगह नाराज छात्रों ने ट्रेनो में आग लगा दी। कई जगह सरकारी सम्पत्ति को नुकसान पहुंचाया गया है। आज हम आपको बताएंगे कि ट्रेन में आग लगाना कितना बड़ा अपराध है। इसके लिए कितनी सजा मिल सकती है।और इस विषय में भारतीय कानून क्या कहता है… Punishment For Setting Fire To Trains
ट्रेनों में आग लगाना, तोड़फोड़ करना, रेलवे की संपत्ति को किसी भी तरह से नुकसान पहुंचाना एक बड़ा क्राइम crime है, जिसके लिए युवाओं को 10 साल तक की जेल jail up to 10 years और भारी जुर्माना heavy fine हो सकता है। इसके साथ ही रेलवे में नौकरी पाने से वे आजीवन वंचित deprived for life रह सकते हैं।इसके लिए एक कानून बनाया गया है जिसका नाम है।
सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण कानून 1984(Prevention of Damage to Public Property Act 1984.)।
यही वह कानून है जिसके तहत सजा दी जाती है। बता दें ट्रेन या रेलवे की कोई भी संपत्ति, स्टेशन परिसर वगैरह सार्वजनिक संपत्ति के दायरे में आते हैं। ऐसे में इस कानून के तहत अगर कोई व्यक्ति अगर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाता है तो उसे 5 साल तक की जेल या भारी जुर्माना या फिर दोनों की सजा हो सकती है।
इस कानून के तहत सार्वजनिक संपत्ति में आग लगाकर या किसी विस्फोट के जरिये उसे तबाह करने वालों के खिलाफ और सख्त सजा है। ऐसे लोगों को सार्वजनिक संपत्ति नुकसान निवारण कानून 1984 के अनुसार 10 साल की जेल या जुर्माना या फिर दोनों की सजा हो सकती है।
क्राइम करनेवाले को करनी होगी नुकसान की भरपाई Punishment For Setting Fire To Trains
अक्सर आंदोलनों में सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने की घटनाओं को देखते हुए वर्ष 2007 में सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया था। कोर्ट ने इस मसले पर दो कमेटी बनाई। सुप्रीम कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस केटी थॉमस की अध्यक्षता वाली कमेटी और सीनियर एडवोकेट फली नरीमन की अध्यक्षता में दूसरी कमेटी। इन दोनों कमेटियों ने कुछ सुझाव दिए, जिन पर सुप्रीम कोर्ट ने एक गाइडलाइन तैयार की।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वाले पर ही सारी जिम्मेदारी होगी। ऐसे मामलों में प्रूफ ऑफ बर्डन आरोपी पर होगा। यानी कोर्ट यह मानेगी कि नुकसान आरोपी ने ही किया है।इसके बाद आरोपी को यह साबित करना होगा कि सार्वजनिक संपत्ति को पहुंचाए गए नुकसान में वह शामिल नहीं था। खुद को निर्दोष साबित नहीं कर पाने पर वह सजा का हकदार होगा।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि अगर किसी मसले पर किसी आंदोलन का आह्वान किया जाता है और वह हिंसक प्रदर्शन में तब्दील हो जाता है, जिससे सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचता है तो ऐसी स्थिति में नुकसान की भरपाई आरोपी से की जाएगी।नुकसान का आकलन कोर्ट भी कर सकती हैं या आकलन के लिए कोई अन्य उचित प्रक्रिया अपनाई जा सकती है।
रेलवे में नौकरी भी नहीं कर पाएंगे Punishment For Setting Fire To Trains
इसी वर्ष जनवरी में RRB NTPC परीक्षा परिणाम में गड़बड़ी के आरोप में युवाओं ने आंदोलन शुरू किया था और जगह-जगह हुए हिंसक प्रदर्शनों में रेलवे की संपत्ति को खासा नुकसान पहुंचाया गया था। इसके बाद रेल मंत्रालय और रेलवे भर्ती बोर्ड की तरफ से युवाओं को आगाह किया गया था कि रेलवे की संपत्ति को नुकसान पहुंचाने वालों को रेलवे में नौकरी से वंचित रखा जा सकता है।
रेल मंत्रालय ने सार्वजनिक नोटिस जारी कर लिखा था-Punishment For Setting Fire To Trains
“यह ध्यान में आया है कि उम्मीदवारों ने रेलवे ट्रैक पर विरोध प्रदर्शन, ट्रेन संचालन में बाधा, रेलवे संपत्तियों को नुकसान पहुंचाने जैसी गैरकानूनी गतिविधियां की हैं। इस तरह की गुमराह करने वाली गतिविधियां अनुशासनहीनता का उच्चतम स्तर हैं, जो ऐसे उम्मीदवारों को रेलवे/सरकारी नौकरी के लिए अनुपयुक्त बनाती हैं। ऐसी गतिविधियों के वीडियो की विशेष एजेंसियों की मदद से जांच की जाएगी और गैरकानूनी गतिविधियों में लिप्त पाए जाने वाले उम्मीदवारों पर पुलिस कार्रवाई के साथ-साथ रेलवे की नौकरी हासिल करने से आजीवन प्रतिबंध लगाया जा सकता है।” Punishment For Setting Fire To Trains