भोपाल। बाकी राज्यों की तरह Puducherry Election 2021 पुडुचेरी में भी हुए चुनाव को लेकर ज्योतिषि अपनी गण्ना करने में लगे हुए हैं। Who will form the government in Puducherry, knowing astrology जानते हैं इस राज्य के चुनाव पर उनका गणित किसकी जीत की ओर संकेत कर रहा है। यहां फिर से कांग्रेश का अधिकार या अबकी बार बीजेपी को सत्ता का सुख मिलेगा।
क्या पुडुचेरी में इस बार बीजेपी को मिल पाएगी सत्ता
यह कुंडली वृष लग्न की है। लग्न में बुध और राहु विराजमान है। राहु उच्च के हैं। दूसरे भाव में शत्रु राशि में मंगल है अतः काफी कमजोर है। सप्तम भाव में उच्च राशि में केतु हैं। अष्टमभाव में चंद्रमा हैं, नवम भाव में शनिदेव हैं। दशम भाव में गुरु हैं। द्वादश भाव में शुक्र और सूर्य विराजमान है। सूर्य उच्च के हैं।
मजबूज है जनता का भाव
सत्ता में आने के लिए जनता का समर्थन बहुत आवश्यक होता है जो कि कुंडली में चतुर्थ भाव से देखा जाता है। चतुर्थ भाव में कोई ग्रह नहीं है। इसकी राशि सिंह है जिसका स्वामी सूर्य, उच्च का होकर द्वादश भाव में बैठा हुआ है। चतुर्थ भाव का स्वामी उच्च का होने के कारण अत्यंत बलशाली है। चतुर्थ भाव को दसवें भाव में विराजमान गुरु की दृष्टि है। यह अत्यंत अच्छी कही जाएगी। इस प्रकार कहा जा सकता है कि जनता का भाव मजबूत है।
शत्रु नहीं रहेंगे मजबूत
शत्रुओं के आंकलन के बारे में देखें तो यह छठे भाव से किया जाता है। छठा भाव तुला राशि का है। जिसके स्वामी शुक्र मेष राशि में बैठकर सीधी दृष्टि से सप्तम भाव को देख रहे हैं। इसके अलावा उच्च के सूर्य की भी नीच दृष्टि इस भाव पर पड़ रही है। नवम भाव में बैठे हुए शनि मित्र दृष्टि से इस भाव को देख रहे हैं। इस प्रकार हम कह सकते हैं कि शत्रु बहुत मजबूत नहीं है।
क्या कहता है भाग्य
हार—जीत के लिए उत्तरदायी भाग्य को कुंडली में नवम भाव से देखा जाता है। नवम भाव का स्वामी शनि है जो अपनी राशि में बैठा हुआ है। अतः भाग्य को बहुत अच्छा बनाएगा। दूसरे भाव में बैठा हुआ कमजोर मंगल भाग्य भाव को उच्च दृष्टि से देख रहा है। उच्च के राहु की भी इस भाव पर दृष्टि है जो कि खराब मानी जाती है। अतः हम कह सकते हैं भाग्य भाव सामान्य है जो एकाएक कार्य करेगा।
क्या कहती है विंशोत्तरी दशा
विंशोत्तरी दशा देखने के लिए ग्रहों का बल देखना आवश्यक है। इस कुंडली के अनुसार सबसे बली ग्रह शुक्र है। दूसरे नंबर पर सूर्य है, तीसरे नंबर पर गुरु, चौथे पर बुध, पांचवें पर शनि, छठे पर मंगल और सातवें नंबर पर बुध है। कल मतगणना होनी है। उस समय केतु की महादशा में बुध की अंतर्दशा में बुध के प्रत्यंतर में सूर्य की सूक्ष्म दशा होगी। केतु इस कुंडली में उच्च का है अतः अच्छे फल देगा। बुध षड्बल साधना में सातवें नंबर पर है। अतः खराब है । परंतु कुंडली में यह पांचवे और दूसरे भाव का स्वामी होने के कारण अच्छे फल देगा। सूक्ष्म दशा सूर्य की है जो षड्बल साधना में दूसरे नंबर पर है तथा चतुर्थ भाव का स्वामी है। अतः यह बहुत अच्छे फल देगा। इस प्रकार विंशोत्तरी दशा के आधार पर बीजेपी की जीत का अनुमान लगाया जा सकता है। परंतु यह जीत ज्यादा सीटों से नहीं होगी।
सीटों की संख्या पर क्या कहती है गोचर की गणना
सीटों की संख्या निश्चित करने के लिए आवश्यक है कि गोचर का अध्ययन भी किया जाए। पुडुचेरी में कुल 30 सीटों पर चुनाव हो रहा है। जीतने के लिए 16 सीटों की आवश्यकता होगी। कुंडली एवं विंशोत्तरी दशा के अनुसार बीजेपी / एनडीए को स्पष्ट बहुमत दिखाई दे रहा है। गोचर में चंद्रमा 2 मई 2021 को 2:45 दिन से मकर राशि में प्रवेश कर रहा है। दूसरा महत्वपूर्ण ग्रह गुरु दशम भाव में है। यह बड़ा महत्वपूर्ण है और इसके कारण एनडीए को काफी लाभ मिलेगा। तीसरा महत्वपूर्ण है शनि नवम भाव में है एवं चौथा महत्वपूर्ण ग्रह सूर्य उच्च का होकर द्वादश भाव में है। अतः 2 मई को करीब 3:00 बजे तक एनडीए की स्थिति अच्छी नहीं रहेगी। उसके उपरांत एनडीए की सीटें बढ़ सकती हैं। 3:00 बजे तक करीब 50% सीटें घोषित हो जाती है। अतः इसमें एनडीए को करीब-करीब 6 सीटें मिलेंगी। उसके उपरांत बाकी 50% सीटों में से एनडीए को 11 सीटों के मिलने की उम्मीद है। इस प्रकार एनडीए को पुडुचेरी में 17 सीटें मिलने का अनुमान है।