Kanpur Kotwaleshwar Mahadev Mandir: अगर आप भी अपने जीवन में कोर्ट या क़ानूनी कार्रवाई जैसी समस्याओं से झूझ रहें हैं.
कोई कोर्ट कचहरी का काम नहीं हो पा रहा है तो आपकी समस्या कोतवालेस्वर महादेव सुलझाएगें. जी हां, उत्तरप्रदेश के कानपुर जिले में कोत्वालेश्वर महादेव मंदिर काफी लोकप्रिय है.
जानकरी के अनुसार कोत्वालेश्वर महादेव में कानपुर सहित आस-पास के क्षेत्र में बहुत श्रद्धा है. इस कोत्वालेश्वर महादेव मंदिर में सावन के महीने की शुरुआत होते ही हजारों की संख्या में श्रद्धालु आते हैं.
माना जात है कि इस कोत्वालेश्वर महादेव मंदिर के दर्शन मात्र से ही कोर्ट-कचहरी के चक्कर खत्म हो जाते हैं.
इतना ही नहीं दर्शन से कोर्ट का फैसला भी पक्ष में आता है. कोतवालेस्वर महादेव को शहर का कोतवाल भी कहा जाता है.
आजादी के समय से बनी मान्यता
माना जाता है कि जब कानपुर में अंग्रेजों के खिलाफ क्रांतिकारी नानाराव पेशवा और उनके सैनिको ने आजादी की आवाज उठाई थी तो ईस्ट इंडिया कंपनी के कोतवाल ने अपनी जान बचाने के लिए इसी प्राचीन शिव मंदिर में शरण ली थी.
क्योंकि आजादी के खिलाफ आवाज उठाने के बाद कानपूर में स्वंत्रता सेनानी ने कई अंग्रेजों को मौत के घाट उतारा था. ऐसी स्तिथि में स्वंत्रता सेनानी से बचने के लिए अंग्रेजी हुकूमत के एक कोतवाल ने छिपने के लिए इस मंदिर का सहारा लिया था.
अंग्रेज सिपाही बना था महादेव का भक्त
कई दिनों तक कोतवालेस्वर महादेव मंदिर में शरण लेने के बाद कुछ ऐसा चमत्कार हुआ की जो हैरान कर देने वाला था.
अंग्रेजी हुकमत का कोतवाल होने के बाद भी वो महादेव का बड़ा भक्त बना गया. कोतवाल के साथ उसे अपने सह ले जाने के लिए भी आए, लेकिन कोतवाल ने उनके साथ जानें से मन कर दिया.
जिसके बाद इसी कोतवाल भक्त ने दोबारा मंदिर का जीर्णोद्धार कराया. तब से ही इस मंदिर को कोतवालेस्वर महादेव मंदिर के नाम से जाना जाने लगा.
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