आज का मुद्दा: कांग्रेस महाकौशल से मध्यप्रदेश विधानसभा चुनाव का शंखनाद करने जा रही है। चुनाव का शंखनाद खुद प्रियंका गांधी करेंगी। इसके लिए वो 12 जून को मध्यप्रदेश के दौरे पर आ रही हैं। प्रियंका से पहले बीजेपी की तरफ से प्रधानमंत्री मोदी, जेपी नड्डा और अमित शाह भी प्रदेश का दौरे कर चुके हैं।
होने जा रही प्रियंका की एंट्री
चुनाव नजदीक आते ही एमपी में दिग्गज नेताओं की आवाजाही तेज हो गई है। कुछ महीनों के भीतर ही बीजेपी के दिग्गज मध्यप्रदेश का दौरा कर चुकें है और अब कांग्रेस की महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा सूबे के दौरे पर आ रही हैं। 12 जून को प्रियंका महाकौशल से चुनावी शंखनाद करेंगी। महाकौशल के साथ ही प्रियंका का फोकस विंध्य पर भी होगा। इससे पहले अमित शाह भी विंध्य का दौरा कर चुके हैं लेकिन अब कर्नाटक का सियासी नाटक खत्म होते ही मध्यप्रदेश की महाजंग में प्रियंका की एंट्री होने जा रही है। बताया जा रहा है कि प्रियंका के अलावा राहुल गांधी और खड़गे भी मध्यप्रदेश का दौरा कर सकते है।
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बीजेपी ने याद दिलाया यूपी
उधर विधानसभा चुनाव 2023 को देखते हुए नरेंद्र मोदी, अमित शाह और जेपी नड्डा के दौरे के बाद लगातार सवाल उठ रहे थे कि, कांग्रेस के बड़े नेता कब मध्यप्रदेश आएंगे। लेकिन अब प्रियंका के प्रस्तावित दौरे से ऐसा लग रहा है कि कांग्रेस का केंद्रीय नेतृत्व भी मध्यप्रदेश को लेकर एक्टिव हो गया है। हालांकि, बीजेपी कांग्रेस को प्रियंका का UP दौरा याद दिला रही है।
एमपी के साथ छत्तीसगढ़ और राजस्थान से कांग्रेस को उम्मीदें
बता दें कि कांग्रेस को मध्यप्रदेश के साथ ही छत्तीसगढ़ और राजस्थान से काफी उम्मीदें है। ऐसा इसलिए क्योंकि 2018 के चुनाव में मध्यप्रदेश की 230 सीटों पर बीजेपी को 109 जबकि कांग्रेस को 114 सीटें मिली थी लेकिन 2020 में उपचुनाव हुए तो बीजेपी की सीटें बढ़कर 127 हो गई वहीं, कांग्रेस की सीटें घटकर 96 रह गईं। लेकिन 2019 के लोकसभा चुनाव में 29 सीटों में से महज एक सीट ही कांग्रेस जीत पाई थी वहीं छत्तीसगढ़ की बात करें तो 90 विधानसभा सीटों में 71 कांग्रेस के पास है तो 14 सीटें बीजेपी के पास जबकि लोकसभा की 11 सीटों में से 9 पर बीजेपी का कब्जा है और 2 पर कांग्रेस का कब्जा है।
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उधर राजस्थान में कुल 200 विधानसभा सीट है। इनमें से 99 कांग्रेस ने जीती थी तो वहीं बीजेपी को 73 सीटें मिली थी। 2019 में 25 लोकसभा सीटों पर बीजेपी ने क्लीन स्वीप किया था। लिहाजा विधानसभा और लोकसभा दोनों नजरिए से ये तीनों राज्य कांग्रेस के लिए बेहद अहम हैं।