Private FM in MP-CG: मोदी कैबिनेट ने 234 शहरों में 730 प्राइवेट FM रेडियो शुरू करने को मंजूरी दे दी है. इनमें छत्तीसगढ़ के 3 और मध्यप्रदेश के 20 शहरों को भी शामिल किया गया है। निजी एफएम रेडियो की शुरुआत होने से इन शहरों में मातृभाषा में स्थानीय कंटेंट पेश किए जा सकेंगे। यह शहरों में सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में भी मदद करेगा।
📻 FM Radio in 234 new cities!
🎙️Auctioning of 730 channels
🎙️Estimated Cost: ₹784.87 Crore pic.twitter.com/x0S8FdzsDB— Ashwini Vaishnaw (@AshwiniVaishnaw) August 28, 2024
इन शहरों में प्राइवेट FM को मंजूरी
प्राइवेट FM रेडियो छत्तीसगढ़ के कोरबा, अंबिकापुरा और जगदलपुर में शुरू किए जाएंगे। तो वहीं मध्य प्रदेश के बैतूल, बुरहानपुर, छतरपुर, छिंदवाड़ा, दमोह, गुना, इटारसी, खंडवा, खरगौन, मंदसौर, मुरवारा, नीमच, रतलाम, रीवा, सागर, सतना, सिवनी, शिवपुरी, सिंगरौली और विदिशा में इसका प्रसारण शुरू होगा।
730 चैनलों के लिए 784.87 करोड़ की मंजूरी
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने निजी एफएम रेडियो चरण-3 नीति के अंतर्गत 234 नए शहरों में 730 चैनलों के लिए 784.87 करोड़ रुपये के अनुमानित आरक्षित मूल्य के साथ तीसरे बैच की आरोही (बढ़ती हुई बोली) ई-नीलामी करवाने के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी है।
इसमें छत्तीसगढ़ के तीन और मध्य प्रदेश के 20 शहर शामिल हैं। आधिकारिक बयान में कहा गया कि इस कदम से लोकल कंटेंट को बढ़ावा मिलने और रोजगार के नए अवसर पैदा होने की संभावना है।
रोजगार के नए अवसर पैदा होने की संभावना
इस पहल से शहरों में निजी एफएम रेडियो की अधूरी मांग पूरी होगी। जो अभी भी निजी एफएम रेडियो प्रसारण से अछूते हैं, उन शहरों में मातृभाषा में स्थानीय कंटेंट पेश किए जा सकेंगे। यह कदम शहरों में एफएम रेडियो प्रसारण को मजबूत बनाने में मदद करेगा और लोगों को उनकी मातृभाषा में कंटेंट सुनने का अवसर प्रदान करेगा।
इससे शहरों में स्थानीय कलाकारों और संगीतकारों को अपनी प्रतिभा दिखाने का मौका मिलेगा और स्थानीय संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा। साथ ही, यह शहरों में सामाजिक और सांस्कृतिक गतिविधियों को बढ़ावा देने में मदद करेगा।
‘वोकल फॉर लोकल’ पहल को मिलेगा बढ़ावा
इससे नए रोजगार के अवसर पैदा होंगे। स्थानीय बोली और संस्कृति को बढ़ावा मिलेगा। ‘वोकल फॉर लोकल’ पहल को बढ़ावा मिलेगा। इन शहरों में ऐसे कई शहर और कस्बे शामिल हैं जो वामपंथी उग्रवाद प्रभावित क्षेत्रों में हैं। इन क्षेत्रों में निजी एफएम रेडियो की स्थापना से इन क्षेत्रों में सरकारी पहुंच और सुदृढ़ होगी।
यह भी पढ़ें: CG Teacher Meeting: युक्तियुक्तकरण को लेकर डीपीआई और शिक्षक संगठनों की बैठक खत्म, शिक्षकों से मांगे गए सुझाव