नई दिल्ली, 12 सितंबर (भाषा) राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू द्वारा नौ सितंबर को शुरू किए गए प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान के तहत 1.78 लाख से अधिक तपेदिक रोगियों को गोद लिया गया है। इस अभियान का उद्देश्य सतत विकास लक्ष्य (एसडीजी) में निर्धारित 2030 तक सभी देशों से टीबी उन्मूलन से पांच साल पहले ही बीमारी को 2025 तक भारत से खत्म करना है।
सरकार ने सामुदायिक सहायता कार्यक्रम शुरू किया है जिसके तहत क्षय रोगियों को व्यक्तियों, निर्वाचित प्रतिनिधियों या संस्थानों द्वारा गोद लिया जा सकता है और उनकी देखभाल की जा सकती है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, देश में वर्तमान में इलाज के लिए बहु-दवा प्रतिरोधी सहित कुल 13,51,550 टीबी रोगियों में से 9,04,425 ने गोद लिए जाने के लिए अपनी सहमति दे दी है। सरकार सहमति के लिए शेष क्षय रोगियों से संपर्क करेगी और समुदाय को उन्हें अभियान के एक हिस्से के रूप में अपनाने के लिए प्रोत्साहित करेगी।
सरकार का लक्ष्य 17 सितंबर तक उन सभी क्षय रोगियों को गोद लिया जाना सुनिश्चित करना है जिन्होंने अपनी सहमति दी है। 17 सितंबर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का जन्मदिन है। जो लोग या संस्थान मरीजों को गोद लेने के लिये आगे आ रहे हैं उन्हों ‘नि-क्षय मित्र’ कहा जा रहा है। उत्तर प्रदेश में नि-क्षय मित्रों के सबसे अधिक 4,416 पंजीकरण हुए हैं, इसके बाद मध्य प्रदेश (2,286) और महाराष्ट्र (643) का स्थान है।