Deen Dayal Upadhyay Jayanti: भारतीय राजनीति के इतिहास में प्रमुख व्यक्तित्वों में से एक पंडित दीनदयाल उपाध्याय की जयंती को हर साल अंत्योदय दिवस के तौर पर मनाया जाता है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को पंडित दीन दयाल उपाध्याय को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि दी और उन्हें “असाधारण विचारक” कहा।
I pay homage to Pandit Deen Dayal Upadhyaya Ji on his Jayanti. His emphasis on Antyodaya and serving the poor keeps inspiring us. He is also widely remembered as an exceptional thinker and intellectual.
— Narendra Modi (@narendramodi) September 25, 2022
उन्होंने एक्स (ट्विटर) पर कहा, मैं पंडित दीन दयाल उपाध्याय जी को उनकी जयंती पर श्रद्धांजलि देता हूं। अंत्योदय और गरीबों की सेवा पर उनका जोर हमें प्रेरणा देता रहता है। उन्हें एक असाधारण विचारक और बुद्धिजीवी के रूप में भी व्यापक रूप से याद किया जाता है।
क्या है अंत्योदय दिवस
अंत्योदय शब्द का मतलब उत्थान होता है, जो समाज में आर्थिक रूप से कमजोर वर्ग के लोगों के लिए उत्थान को समर्पित है। इस दिन का उद्देश्य भारत के गरीब और पिछड़े लोगों के विकास की ओर घ्यान खींचना है। साथ ही इस दिन को समाज और राजनीति में उपाध्याय के योगदान के लिए भी मनाया जाता है और उन्हें याद किया जाता है।
कौन है पंडित दीनदयाल उपाध्याय
1916 में मथुरा में जन्मे पंडित दीन दयाल उपाध्याय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के पदाधिकारी और जनसंघ के संस्थापक सदस्यों में से एक थे। पंडित दीनदयाल उपाध्याय राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के विचारक और भारतीय जनसंघ के पूर्व नेता, भारतीय जनता पार्टी के अग्रदूत थे। वह दिसंबर 1967 में जनसंघ के अध्यक्ष बने।
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