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Punganur Cow: शहरों में कुत्ते पालने का चलन तेजी से बढ़ा है और इसी के साथ इन्हें लेकर विवाद भी। मल्टियों में अक्सर डॉग लवर और रहवासी सोसायटी के लोग आमने सामने हो जाते हैं।
हमारे समाज में पशु पालन की व्यवस्था बेहद पुरानी है। कुत्तों को अक्सर सुरक्षा के दृष्टिकोण से पाला जाता है तो वहीं गाय हमारी आस्था से जुड़ी है। पर सवाल ये है कि क्या लोग कुत्तों की जगह गाय पाल सकते हैं।
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इसे लेकर बंसल न्यूज डिजिटल ने मध्यप्रदेश गौ संवर्धन बोर्ड (Gopalan Board MP) के पूर्व अध्यक्ष स्वामी अखिलेश्वरानंद गिरि महाराज से बात की।
गाय पालन में ये होती है सबसे बड़ी दिक्कत
स्वामी अखिलेश्वरानंद (Swami Akhileshwaranand) ने बताया कि बड़े शहरों में गाय पालन में सबसे बड़ी दिक्कत जगह को लेकर होती है।
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कुत्तों की अपेक्षा गाय का साइज बड़ा होता है। इसलिए उसके रहने से लेकर तमाम व्यवस्थाओं में अधिक जगह की आवश्यकता होती है। इसलिए शहरों में गाय पालन की परंपरा खत्म होती जा रही है।
पुंगनूर गाय क्या हो सकती है विकल्प
अखिलेश्वरानंद महाराज ने कहा कि पुंगनूर गाय (Punganur Cow) इसका विकल्प हो सकती है। इसकी हाइट ढ़ाई से तीन फुट होती है, जो लगभग के कुत्ते के समान ही है।
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यदि आप इस गाय को अपने घर लाते हैं (Punganur Cow Buy Online) तो आप इसे अपने ड्राइंग रुम में भी रख सकते हैं। दिनभर में 5 किलो चारे में ये 3 लीटर तक दूध देगी।
एमपी के सीएम के पास भी यही गाय
मध्य प्रदेश के सीएम मोहन यादव (MP CM Mohan Yadav) के पास भी इसी गाय का जोड़ा है। इसके अलावा एमपी में सिर्फ इंदौर के दूध व्यापारी सत्तू शर्मा के पास इस गाय का जोड़ा है।
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इस गाय की कीमत (Punganur Cow Price) 5 से 15 लाख रुपये तक होती है, पर इसके दूध से बना घी 50 हजार रुपये तक मार्केट में बिकता है।
PM Modi की भी फोटो आई थी सामने
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Modi) की हाल ही में फोटो सामने आई थी। जिसमें वे पुंगनूर गाय (Punganur Cow) को दुलार कर रहे थे।
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बता दें कि पुंगनूर गाय की यह ब्रीड दक्षिण भारत के आंध्र प्रदेश में मिलती है। जिसे दुनिया की सबसे छोटी गाय कहा जाता है।
इसी के दूध से लगता है तिरुपति बालाजी को भोग
पुंगनूर गायों (Punganur Cow) का धार्मिक और आध्यामिक महत्व भी है। लोगों की मान्यता है कि इन गायों में महालक्ष्मी का वास होता है।
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इसलिए दक्षिण भारत में लगभग सभी राज्यों में संपन्न लोग इन गायों को अपने घरों में रखते हैं रोज उनकी पूजा करते हैं।
इनका दूध इतना पवित्र माना जाता है कि विश्व प्रसिद्ध तिरुपति बालाजी मंदिर सहित दक्षिण के कई प्रसिद्ध मंदिरों में भोग और क्षीराभिषेक के लिए पुंगनूर गाय के दूध का ही इस्तेमाल होता है।
गाय पालने के ये हैं धार्मिक महत्व...
1. जिस घर में गाय पाली जाती है, वहां के संभावित वास्तु दोष स्वत: ही दूर हो जाते हैं।
2. जिस घर में गाय की सेवा की जाती है उस घर में पुत्र, पौत्र, विद्या, धन के सुख की प्राप्ती होती है।
3. घर पर गाय को पालने से सभी प्रकार की बाधाएं और विघ्न दूर हो जाते हैं।
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4. गाय की सेवा करने से संतान लाभ की प्राप्ति होती है। बच्चों में किसी प्रकार का भय नहीं रहता।
5. शिवपुराण-स्कन्दपुराण में बताया कि गाय की सेवा करने से व्यक्ति को यम का भय नहीं रहता है।
6. पद्मपुराण और गरूड़ पुराण में कहा गया है कि गाय के पैर की धूल भी पाप नाशक होती है।
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बड़े शहरों में पुंगनूर गाय पालन से क्या फायदा
बड़े शहरों में शायद ही ऐसी कोई रहवासी या हाउसिंग सोसाइटी हो जहां डॉग नहीं पाले गए हों और इनकी वजह से विवाद नहीं हुए हो।
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कुत्ते के भौंकने से लेकर उसकी अन्य गतिविधियां अक्सर विवाद और झगड़े का कारण बन जाती है।
इसके उलट यदि आर्थिक रुप से सक्षम व्यक्ति उच्च ब्रीड के कुत्ते की जगह पुंगनूर गाय (Punganur Cow) पाले तो यह लोगों के आस्था से जुड़ी होने से विवाद नहीं होगा।
लोग गाय को पूजने के साथ उसके लिए भोजन लेकर आएंगे वो अलग। इसके गोबर का भी धार्मिक महत्व होता है।
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