Presidential election: भारत के राष्ट्रपति का चुनाव कैसे होता है?

BHOPAL: चुनाव आयोग ने राष्ट्रपति चुनाव(Presidential election) की प्रक्रिया प्रारंभ करते हुए आज राष्ट्रपति चुनाव की जरूरी तारीखों का ऐलान कर दिया है। चुनाव आयोग जानकारी देते हुए बताया है।राष्ट्रपति पद के लिए नामांकन 29 जून तक किए जा सकते हैं।वहीं राष्ट्रपति पद के चुनाव (President Election) की वोटिंग 18 जुलाई को होगी। इसके बाद 21 जुलाई को चुनाव के नतीजे घोषित किए जाएंगे। बता दें कि देश के वर्तमान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद (President Ramnath Kovind) का कार्यकाल 24 जुलाई को पूरा होने जा रहा है। ऐसे में संविधान के अनुसार उनके कार्यकाल के समापन के पहले चुनाव कराना अनिवार्य है।
ऐसे में सवाल खड़ा होता है आखिर राष्ट्रपति पद के चुनाव में कौन व्यक्ति खड़ा हो सकता है? क्या सासंद, विधायक के चुनाव की तरह हर कोई इस चुनाव में हिस्सा ले सकता है? राष्ट्रपति चुनाव में कौन-कौन लोग चुनाव लड़ सकते हैं? और चुनाव लड़ने के लिए किन-किन शर्तों को पूरा करना होता है?
कब होता है चुनाव?
भारतीय संविधान के अनुच्छेद 324 के अधीन राष्ट्रपति(Presidential election) के पद का चुनाव भी निर्वाचन आयोग ही करवाता है। राष्ट्रपतीय और उपराष्ट्रपतीय निर्वाचन अधिनियम, 1952 की धारा 4 की उप-धारा (3) के उपबंधों में बताया गया है कि राष्ट्रपति चुनाव कैसे होता है।इस अधिनियम के अनुसार कार्यकाल पूरा होने से साठ दिन की अवधि में किसी दिन चुनाव आयोग की ओर से अधिसूचना जारी की जाती है। चुनाव का कार्यक्रम इस प्रकार तय किया जाता है कि राष्ट्रपति का कार्यकाल खत्म होने के अगले ही दिन निर्वाचित राष्ट्रपति पद ग्रहण कर सके।
राष्ट्रपति चुनाव लड़ने के लिए योग्यताएं?Presidential election
आर्टिकल 58 के अनुसार, एक व्यक्ति को राष्ट्रपति के पद का चुनाव लड़ने के लिए उस व्यक्ति में निम्न योग्यताओं का होना जरूरी है-
-वह भारत का नागरिक होना चाहिए।
-उस व्यक्ति की उम्र कम से कम 35 साल होनी चाहिए।
-लोकसभा का सदस्य बनने के लिए एलिजिबल होना चाहिए।
-भारत सरकार या किसी भी राज्य सरकार के अधीन या किसी भी स्थानीय या अन्य प्राधिकरण के अधीन किसी भी लाभ का पदधारी नहीं होना चाहिए।
इसके अलावा राष्ट्रपति पद के चुनाव के लिए नामांकन भरते समय कई और शर्तें चाहिए
– नामांकन के फॉर्म में चुनाव लड़ने के इच्छुक उम्मीदवार को कम से कम पचास निर्वाचकों यानी विधायक या सांसदों को समर्थन होना आवश्यक है। अगर आप भी राष्ट्रपति का चुनाव लड़ना चाहते हैं तो आपको निर्वाचकों का प्रस्तावकों या अनुमोदकों के रूप में समर्थन चाहिए। इसके बाद इसे प्रस्तावक को नियुक्त रिटर्निंग अधिकारी को जमा करना होगा। चुनाव लड़ने के लिए 15000 रुपये की जमानत राशि भी देनी होती है।
– बता दें कि राष्ट्रपति चुनाव में एक निर्वाचक सिर्फ एक ही अभ्यर्थी के नाम का प्रस्ताव दे सकता है। ऐसा नहीं है कि वो कई उम्मीदवारों का अनुमोदन कर दे।
राष्ट्रपति के पद की अवधि कितनी है?
भारत के संविधान के आर्टिकल 56 के अनुसार, राष्ट्रपति अपने पद ग्रहण करने की तिथि से 5 साल की अवधि के लिए पद धारण करता है। इसके अलावा, वो 5 साल से अधिक समय तक पद पर रह सकता है, जब तक कि कोई उत्तराधिकारी उसका पद ग्रहण नहीं कर लेता है। यानी देश में हमेशा राष्ट्रपति रहना आवश्यक है और यह पद खाली नहीं रह सकता है।
कौन देता है वोट?
राष्ट्रपति चुनाव में संसद के सदस्य और राज्य/ केंद्र शासित प्रदेश विधानसभा के सदस्य ही वोट देते हैं। इसमें भी अगर कोई राज्य में विधानसभा है तो उसके सदस्य और संसद में मनोनीत सांसद राष्ट्रपति चुनाव की वोटिंग प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लेते हैं।
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