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प्रयागराज में कैंडिडेट्स का प्रोटेस्ट: UPPSC के छात्र कर रहे प्रर्दशन, एक शिफ्ट में परीक्षा कराने की मांग

Prayagraj UPPSC Student Protest: प्रयागराज में UPPSC के छात्रों का प्रदर्शन, पेपर लीक और नॉर्मलाइजेशन से नाराज़। 5 नवंबर की परीक्षा पर असहमति का कारण व्यापक रोष।

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Ashi sharma
प्रयागराज में कैंडिडेट्स का प्रोटेस्ट: UPPSC के छात्र कर रहे प्रर्दशन, एक शिफ्ट में परीक्षा कराने की मांग

Prayagraj UPPSC Student Protest: उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में उत्तर प्रदेश लोक सेवा आयोग के बाहर सैकड़ों छात्रों ने विरोध प्रदर्शन किया। उत्तरप्रदेश लोक सेवा आयोग में बड़ी संख्या में अभ्यर्थियों की भीड़ उमड़ रही है।

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इसके अलावा राजधानी दिल्ली के मुर्खाजी नगर इलाके में भी विरोध प्रदर्शन चल रहा है। अभ्यर्थियों ने आयोग के समक्ष ''एक दिन, एक पाली, कोई सामान्यीकरण नहीं'' की मांग रखी है।

क्या है विवाद?

विवाद की शुरुआत 1 जनवरी 2024 को हुई थी। दरअसल, 1 जनवरी 2024 को यूपीपीएससी ने हायर सबऑर्डिनेट सर्विस (पीसीएस) प्रीलिम्स परीक्षा का नोटिफिकेशन जारी किया था। इसके मुताबिक परीक्षा 17 मार्च 2024 को आयोजित होने वाली थी।

लेकिन ये परीक्षा स्थगित कर दी गई। इसके बाद इस परीक्षा का नोटिफिकेशन 3 जून को जारी किया गया और घोषणा की गई कि परीक्षा 27 अक्टूबर को आयोजित की जाएगी। एक बार फिर तारीख बदली और 5 नवंबर को UPPSC ने एक बार फिर नोटिफिकेशन जारी किया।

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आरओ/एआरओ भर्ती परीक्षा को लेकर भी अभ्यर्थी परेशान

  • हालांकि, यह विवाद केवल PCS परीक्षा को लेकर नहीं है। दरअसल, उत्तर प्रदेश में 11 फरवरी को समीक्षा अधिकारी और सहायक समीक्षा अधिकारी परीक्षा आयोजित की गई थी।
  • इस परीक्षा में सैकड़ों अभ्यर्थी शामिल हुए लेकिन परीक्षा के दौरान ही खबर आई कि कुछ छात्रों के पास पहले से ही परीक्षा का प्रश्नपत्र था। इसके चलते कई परीक्षा केंद्रों पर हंगामा भी हुआ।
  • पेपर लीक को देखते हुए जब एसटीएफ की जांच हुई तो उत्तर प्रदेश सरकार ने परीक्षा रद्द करने का फैसला किया। 2 मार्च को सीएम योगी आदित्यनाथ ने आदेश दिया कि 11 फरवरी को हुई परीक्षा रद्द कर छह महीने में दोबारा आयोजित की जाए।
  • मुख्यमंत्री योगी के ट्वीट के बाद अभ्यर्थियों को भरोसा हुआ कि आरओ/एआरओ परीक्षा 6 महीने में दोबारा आयोजित की जाएगी। लेकिन कुछ नहीं हुआ क्योंकि परीक्षा पेपर लीक की जांच जारी रही। जिसमें कई आरोपियों को गिरफ्तार किया गया था। लेकिन पेपर कैसे लीक हुआ इसकी कोई जानकारी सामने नहीं आई।
  • इसी बीच 3 जून को पीसीएस परीक्षा के आयोजन को लेकर एक और नोटिफिकेशन आया, जिसमें प्रीलिम्स परीक्षा की तारीख 27 अक्टूबर बताई गई।
  • लेकिन, परीक्षा से कुछ दिन पहले 16 अक्टूबर को आयोग ने फिर से परीक्षा स्थगित करने की घोषणा की। जिसमें परीक्षा केंद्र बनाने में हो रही देरी का कारण बताया गया।
  • इसी नोटिस में कहा गया है कि परीक्षा दिसंबर के पहले पखवाड़े तक आयोजित की जा सकती है। आयोग ने 19 जून के सरकारी आदेश का हवाला देते हुए कहा कि परीक्षा केंद्र मिलने के बाद उम्मीदवारों को अगली तारीख के बारे में सूचित किया जाएगा।

आयोग के इस नोटिफिकेशन से हड़कंप मच गया

  • 5 नवंबर को तीसरी बार पीसीएस और RARO परीक्षा का नोटिफिकेशन निकला। आयोग ने इस नोटिफिकेशन में बताया है कि पीसीएस प्रीलिम्स परीक्षा 7 और 8 दिसंबर को दो सत्रों में आयोजित की जाएगी।
  • पहला सत्र सुबह 9:30 बजे से 11:30 बजे तक और दूसरा सत्र दोपहर 2:30 बजे से शाम 4:30 बजे तक आयोजित किया जाएगा। ये परीक्षाएं 41 जिलों में होंगी।
  • इसमें यह भी कहा गया कि हर संभव प्रयास के बावजूद 19 जून के आदेश के अनुसार केंद्र उपलब्ध नहीं होने के कारण परीक्षा दो दिन में आयोजित की जाएगी।
  • इसी तरह आरओ/एआरओ परीक्षा 22 और 23 दिसंबर को होगी। यह परीक्षा 411 पदों के लिए आयोजित की जाएगी।
  • 22 दिसंबर को पहली पाली सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक और दूसरी पाली दोपहर 2:30 बजे से शाम 5:30 बजे तक होगी।
  • जबकि 23 दिसंबर को तीसरी पाली में सुबह 9 बजे से दोपहर 12 बजे तक परीक्षा आयोजित की जाएगी।
  • इसमें 19 जून के आदेश का भी हवाला दिया गया कि एक पाली में 5 लाख से अधिक अभ्यर्थी नहीं हो सकते।
  • इसलिए इसे दो पालियों में आयोजित किया जा रहा है।

सामान्य प्रक्रिया से आयोजित की जाएगी परीक्षा

  • उसी दिन आयोग ने दो पालियों में परीक्षा आयोजित करने के साथ सामान्यीकरण को लेकर भी नोटिस जारी किया। बताया गया कि दो या अधिक दिनों में होने वाली परीक्षाओं के मूल्यांकन के लिए परसेंटाइल पद्धति का इस्तेमाल किया जाएगा।
  • आयोग ने स्पष्ट किया कि पीसीएस प्रारंभिक परीक्षा 2024 और आरओ-एआरओ 2023 भर्ती परीक्षाओं में सामान्यीकरण प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
  • इसके अलावा, लोक सेवा आयोग ने यह भी बताया कि उम्मीदवारों के प्रतिशत अंक की गणना के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले फॉर्मूले का भी खुलासा किया गया है। आयोग की परीक्षा आयोजित करने की इस पद्धति को लेकर अभ्यर्थियों में असंतोष है।
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