नई दिल्ली। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्यमंत्री प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने किसानों को आधुनिक डिजिटल तकनीक देकर उन्हें सशक्त और क्षमतावान बनाया है। केन्द्र सरकार द्वारा किसानों के हित में उठाए गए क़दमों के बारे में नई दिल्ली में एक प्रेस वार्ता को उन्होंने संबोधित किया। पटेल ने कहा कि डिजिटल तकनीक के माध्यम से किसान कई तरह की परेशानियों से बच गए हैं और लूट-भ्रष्टाचार और बिचौलियों से उन्हें मुक्ति मिली है। पटेल ने कहा कि डिजिटलाइजेशन के माध्यम से सरकार द्वारा किसानों को दी जाने वाली सहायता राशि अब सीधे किसानों तक पहुंचने लगी है, जिससे किसानों को कारोबार करने के नए मौके मुहैया हुए हैं और वे उनका फायदा उठा पा रहे हैं। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार ने किसानों के हितों को ध्यान में रखते हुए बीज से बाजार तक एक नई अवधारणा बनाई है जिसमें डिजिटल एग्रीकल्चर मिशन एक चमत्कार साबित हुआ है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि इस मिशन ने किसान की परिस्थितयों और जीवनस्तर में बदलाव लाने में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है।
1.74 करोड़ से अधिक किसानों को जोड़ा
प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा कि ई-नाम मंडी के जरिए देशभर में 1.74 करोड़ से अधिक किसानों को जोड़ा गया है और 2.36 लाख व्यापारों को ई-नाम के जरिए पंजीकृत किया गया है, जिनके माध्यम से 2.22 लाख करोड़ रूपयों का व्यापार हुआ है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि योजना से देश के 11.37 करोड़ किसानों को लाभ पहुंचा है और इस योजना के माध्यम से इन किसानों के खाते में 2.16 लाख करोड़ रूपए सीधे जमा कराए गए हैं। उन्होंने कहा कि डिजिटल क्रांति के बाद किसानों को प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना में भी काफी लाभ मिला है। उन्होंने बताया कि सैटेलाइट के जरिए किसानों की फसल की देखभाल की गई। पटेल ने कहा कि वर्ष 2021-22 में इस योजना के लिए 16 हजार करोड़ रूपए आवंटित हुए और 2016 से 2022 तक 38 करोड़ किसानों को इस योजना में पंजीकृत किया गया और 1,28,522 करोड़ रूपए से अधिक क्लेम का भुगतान किया गया, जबकि 25,185 करोड़ रूपए किसानों द्वारा बीमा प्रीमियम के रूप में दिए गए। पटेल ने कहा कि किसान उत्पादक संघ के तहत 3,855 से भी ज्यादा एफपीओ रजिस्टर्ड किए गए, सॉयल हेल्थ कार्ड के अंतर्गत 22.71 करोड़ कार्ड बनाए गए और देशभर में 11 हजार 531 टेस्टिंग प्रयोगशालाएं मंजूर की गईं।
सूक्ष्म सिंचाई कोष बनाया
प्रह्लाद सिंह पटेल ने बताया कि पिछली सरकार के समय में प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना का आवंटन 6,057 करोड़ रूपए था जबकि मोदी सरकार ने इस योजना में करीब 136 फीसदी का इजाफा करते हुए इसे बढ़ाकर 15,511 करोड़ रूपए कर दिया है। उन्होंने कहा कि माइक्रो इरिगेशन फंड के तहत 17.09 लाख हेक्टेयर क्षेत्र को कवर करते हुए 4710.96 करोड़ रूपयों की परियोजनाओं को मंजूरी दी गई है। इसके अलावा 5,000 करोड़ रूपए की प्रारंभिक राशि से नाबार्ड में एक सूक्ष्म सिंचाई कोष बनाया गया है और कार्पस फंड 10,000 करोड़ रूपए रखा गया है। पटेल ने ये भी बताया कि पिछली सरकार के समय में कृषि ऋण प्रवाह 7.3 लाख करोड़ रूपए था केन्द्र की नरेन्द्र मोदी सरकार ने बढ़ाकर 2022-23 में 18.5 लाख करोड़ रूपए कर दिया है। इसके अलावा किसान क्रेडिट कार्ड योजना के अंतर्गत पिछली सरकार के समय में 6.46 करोड़ किसान थे, लेकिन आज 9.28 करोड़ किसानों को इसका लाभ मिल रहा है।
किसान रेल की अवधारणा शुरू की
प्रह्लाद सिंह पटेल ने बताया कि पिछली सरकार के समय में खाद सब्सिडी (फर्टिलाइजर) 41,853 करोड़ रूपए थी जिसे बढ़ाकर मोदी सरकार द्वारा 62,151 करोड़ रूपए (cumulative) यूरिया पर और 40,073 करोड़ रूपए (cumulative) नॉन यूरिया पर कर दिया गया है। पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जी ने ही किसान रेल की अवधारणा शुरू की, जिसके अंतर्गत देशभर में 167 रूट्स पर 2359 रेलों के फेरे लगे और 7.88 लाख टन से ज्यादा कृषि उत्पाद ढोया गया। उन्होंने बताया कि किसान उड़ान के तहत 33 कार्गो टर्मिनल्स से 12 से ज्यादा कृषि उत्पादों को एक जगह से दूसरी जगह ले जाया गया।
भारत खाद्यान्नों का निर्यात कर रहा
खाद्य प्रसंस्करण उद्योग राज्यमंत्री पटेल ने कहा कि डिजिटल क्रांति के बाद किसानों को बैंकों के चक्कर नहीं लगाने पड़ते और अब हर बैंक से एनओसी लाने की परेशानी से भी किसानों को निजात मिल गई है। पटेल ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत खाद्यान्नों का निर्यात कर रहा है और मोटा अनाज, चावल, चीनी, दूध आदि में भारत निर्यात में नए रिकार्ड बना रहा है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी की अगुआई में एग्री स्टार्ट अप एक नया इतिहास रच रहे हैं। पटेल ने बताया कि पहले कृषि क्षेत्र में केवल 100 स्टार्ट-अप काम कर रहे थे लेकिन पिछले 7-8 सालों में यह संख्या बढ़कर 4,000 से ज्यादा हो गई है। उन्होंने कहा कि पहले केवल दो बड़े फूड पार्क थे लेकिन अब इनकी संख्या 23 हो गई है। श्री पटेल ने कहा कि वर्ष 2021-22 तक ही समयसीमा से काफी पहले भारत ने 10% इथेनॉल ब्लेंडिंग टारगेट को हासिल कर लिया है और इसके परिणामस्वरुप किसानों को 40,600 करोड़ रुपये से अधिक का समय पर भुगतान किया गया है।
कृषि उपज का रिकॉर्ड निर्यात
प्रह्लाद सिंह पटेल ने कहा कि विभिन्न संस्थानों द्वारा जारी की गई रिपोर्ट्स ये साफ पता चलता है कि किसानों की कुल मुद्रास्फीति-समायोजित आय में दो गुना इजाफा हुआ है, या कई राज्यों में यह लगभग दोगुनी हुई है। उन्होंने कहा कि आज भारत विश्व में सर्वाधिक कृषि उपज के उत्पादन के मामले में पहले या दूसरे स्थान पर रहता है और 3.75 लाख करोड़ मूल्य की कृषि उपज का रिकॉर्ड निर्यात किया गया है। पटेल ने कहा कि किसान मान धन योजना से देशभर के 23 लाख किसानों को फायदा हुआ है, जबकि कृषि इंफ्रा फंड से एक लाख करोड़ रूपए का आवंटन हुआ है। उन्होंने कहा कि मोदी सरकार द्वारा ड्रोन तकनीक में SOP जारी किए जाने से हमारे किसानों को लाभ मिलेगा।