Jammu & Kashmir: जम्मू-कश्मीर में उपराज्यपाल (Lieutenant Governor) की शक्तियां और ज्यादा बढ़ा दी गई हैं। उन्हें अब दिल्ली के उपराज्यपाल के बराबर शक्तियां दी गई हैं।
जम्मू-कश्मीर में भी उपराज्यपाल (LG) अब अधिकारियों के ट्रांसफर और पोस्टिंग जैसे फैसले ले पाएंगे। इसे लेकर केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शनिवार (13 जुलाई) को जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम में संशोधन किया है।
इस संशोधन के बाद एलजी के पास पुलिस, कानून व्यवस्था, एआईएस से जुड़े मामलों में ज्यादा अधिकार मिलेंगे।
साथ ही महाधिवक्ता, कानून अधिकारियों की नियुक्ति और मुकदमा चलाने की अनुमति देने, इनकार करने या अपील दायर करने से संबंधित प्रस्ताव पहले उपराज्यपाल के सामने रखे जाएंगे।
क्या है पुनर्गठन अधिनियम?
बता दें कि संसद में 5 अगस्त, 2019 में जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम पारित किया गया था। इस दौरान जम्मू और कश्मीर को दो भागों में बांट दिया गया था। दोनों को केंद्र शासित प्रदेश बनाकर जम्मू-कश्मीर और लद्दाख में बांट दिया गया था।
28 अगस्त, 2019 में गृह मंत्रालय ने जम्मू-कश्मीर में प्रशासन के लिए सबसे पहले नियमों को अधिसूचित किया, जिसमें उपराज्यपाल और मंत्रिपरिषद के कार्यों को परिभाषित किया गया।
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