Pune Air Pollution: खराब वायु गुणवत्ता कोविड-19 से स्वस्थ हुए लोगों को प्रभावित कर सकती है: विशेषज्ञ

पुणे, 31 दिसम्बर (भाषा) तापमान में गिरावट से खराब होती वायु गुणवत्ता को देखते हुए पुणे शहर (Pune City) के चिकित्सकों ने फेफड़े की बीमारियों से ग्रस्त, विशेषकर कोविड-19 से उबर चुके लोगों को चेताते हुए उन्हें अतिरिक्त सावधानी बरतने को कहा है।
चिकित्सा विशेषज्ञों (Health Professionals) के अनुसार, हवा की गुणवत्ता बिगड़ने से कोरोना वायरस (Coronavirus) से संक्रमित रोगियों में जटिलताएं बढ़ सकती हैं। उन्होंने कहा कि हवा में प्रदूषकों (Air Pollutants) का बढ़ता स्तर फेफड़े से संबंधित विकारों जैसे ‘क्रॉनिक ऑब्सट्रक्टिव लंग डिजीज’ (सीओपीडी) से ग्रस्त लोगों और कोविड-19 (Covid 19) से पीड़ित लोगों को प्रभावित कर सकता है, जिससे ठीक होने में समय लगता है।
नोबल अस्पताल (Noble Hospital) के श्वास-रोग विशेषज्ञ डॉ वैभव पंधारकर ने कहा, ‘‘हवा की गुणवत्ता में गिरावट से सीओपीडी के मरीजों के लिए सांस लेना मुश्किल हो जाता है। हम सीओपीडी के मरीजों और ऐसे लोगों जो हाल ही में कोविड-19 से स्वस्थ हुए हैं, को प्रदूषित हवा में बाहर नहीं निकलने की सलाह देते हैं।’’
उन्होंने कहा, ‘‘कुछ रोगियों के कोरोना वायरस से उबरने के बाद हमने फेफड़ों में फाइब्रोसिस (Fibrosis) देखा है। इसलिए फेफड़े के विकारों से पीड़ित लोग और जो कोविड-19 से स्वस्थ हुए हैं, उन्हें ऐसे समय में अतिरिक्त सावधानी बरतनी चाहिए जब हवा में प्रदूषक तत्वों की मात्रा बढ़ गई हो।’’
संचेती इंस्टीट्यूट ऑफ ऑर्थोपेडिक्स एंड रिहैबिलिटेशन में हृदय और पल्मोनरी फिजियोथेरेपिस्ट डॉ रज़िया नागरवाला ने कहा कि फेफड़े से संबंधित समस्याओं से पीड़ित लोग कोविड-19 की गंभीर जटिलताओं की चपेट में हैं।
उन्होंने कहा, ‘‘यही कारण है कि हमने त्योहारी सीजन (Festive Season) में लोगों से पटाखे जलाने से बचने का अनुरोध किया था। जब हम प्रदूषकों में सांस लेते हैं, तो यह न केवल हमारी श्वसन प्रणाली को प्रभावित करते हैं, बल्कि यह हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता (Immunity) को भी प्रभावित करते हैं।’’
भाषा देवेंद्र पवनेश
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