पोम्पिओ ने ताइवान के साथ राजनयिक संपर्क स्थापित करने पर लगे प्रतिबंध हटाए

वाशिंगटन/बीजिंग, 10 जनवरी (भाषा) अमेरिका के विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ ने कहा है कि विदेश विभाग अमेरिका और ताइवान के राजयनिकों और अधिकारियों के बीच संपर्क स्थापित करने पर ‘‘स्वघोषित प्रतिबंधों’’ को समाप्त कर रहा है। इसी के साथ चीन को ‘‘खुश’’ करने की लंबे समय से जारी नीति खत्म हो गई।
वहीं, चीन के सरकारी मीडिया ने ताइवान को लेकर किए गए निर्णय के विरोध में माइक पोम्पियो पर निशाना साधा और उन पर ”चीन-अमेरिका संबंधों पर दीर्घकालिक प्रतिकूल प्रभाव डालने वाले कदम उठाने की कोशिश करने” का आरोप लगाया।
हालांकि, राष्ट्रपति ट्रंप का कार्यकाल 20 जनवरी को खत्म हो रहा है और उनका स्थान जो बाइडन लेंगे।
चीन ताइवान को अपना एक अलग हुआ प्रांत बताता है जो मुख्य भूमि के साथ दोबारा जोड़ा जाएगा, भले ही ऐसा करने के लिए बल का ही इस्तेमाल क्यों न करना पड़े। वहीं ताइवान खुद को संप्रभु देश बताता है।
पोम्पिओ ने शनिवार को एक बयान में कहा कि कई दशकों से विदेश विभाग ने “हमारे राजनयिकों, सैन्य और अन्य अधिकारियों की ताइवान के समकक्षों के साथ बातचीत को नियमित करने के लिए जटिल आंतरिक प्रतिबंध लगाए हुए थे। “
अमेरिका ने कहा कि गृह युद्ध के बाद 1949 में मुख्य भूमि चीन से अलग होकर बने ताइवान से उसके शुरू से ही करीबी संबंध हैं।
ताइवान को “विश्वसनीय“ और “अनौपचारिक“ साझेदार बताते हुए पोम्पिओ ने कहा कि अधिकारी ताइवान के साथ संपर्क रखने को लेकर पहले जारी किए गए दिशा-निर्देशों को रद्द मानें।
पोम्पिओ ने शनिवार को कहा, ‘‘आज मैं ऐलान कर रहा हूं कि मैं (ताइवान के संबंध में लगाए गए) सभी प्रतिबंधों को खत्म कर रहा हूं।’’
पोम्पिओ ने कहा कि अमेरिका दुनिया भर में अनौपचारिक साझेदारों के साथ रिश्ते कायम रखता है और इसमें ताइवान कोई अपवाद नहीं है। उन्होंने पिछले हफ्ते कहा था कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर ताइवान को अमेरिकी समर्थन की पुनःपुष्टि करने के लिए संयुक्त राष्ट्र में अमेरिका की राजदूत केली क्राफ्ट ताइवान जाएंगी।
इस कदम का ताइवान ने स्वागत किया है।
ताइवान के विदेश मंत्री जे जोसेफ वू ने ट्वीट किया, ‘‘मैं गैर जरूरी प्रतिबंध हटाने के लिए विदेश मंत्री पोम्पिओ और विदेश विभाग का आभार व्यक्त करता हूं। इनसे विगत वर्षों में हमारे संपर्क सीमित हुए थे। मैं ‘ताइवान एश्योरेंस एक्ट’ की खातिर कांग्रेस में द्विदलीय समर्थन के लिए भी आभार व्यक्त करता हूं जो पहले के दिशा-निर्देशों की समीक्षा की पैरवी करता है।’’
उधर, चीन की सरकारी न्यूज एजेंसी शिन्हुआ के एक लेखक ने रविवार को कहा कि अमेरिकी सरकार के शीर्ष अधिकारियों और उनके ताइवानी समकक्षों के बीच संपर्कों के बाबत लंबे समय से लागू प्रतिबंधों को हटाया जाना यह दर्शाता है कि पोम्पियो ” केवल गैर-कानूनी टकरावों को भड़काने में रुचि रखते हैं और वैश्विक शांति में उनकी कोई दिलचस्पी नहीं है।”
सरकारी प्रसारक सीसीटीवी के अंग्रेजी भाषा के चैनल सीजीटीएन द्वारा ऑनलाइन साझा किए गए भाषण में आरोप लगाया गया कि पोम्पियो की यह घोषणा अमेरिका के अगले प्रशासन को ”नुकसान पहुंचाने का एक कायराना कृत्य है।”
इसके मुताबिक, ” ट्रंप प्रशासन द्वारा सत्ता छोड़ने से पहले अपने प्रयासों के तहत चीन के साथ एक खतरनाक लाल रेखा पार की गई है और ऐसा नए राष्ट्रपति जो बाइडेन के सत्ता संभालने के चंद दिन पहले किया गया है।”
भाषा शफीक नीरज
नीरज
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