हाइलाइट्स
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माखननगर में बिना अनुमति डंप हो रही थी गिट्टी
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इसी जगह पर सीपी 30 प्लांट लगाने की थी तैयारी
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प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने जिम्मेदारों को थमाए नोटिस
Air Pollution Issues: कुंअर नारायण की एक प्रसिद्ध कविता है। कोई दुख मनुष्य के साहस से बड़ा नहीं, हारा वही जो लड़ा नहीं।
राष्ट्रकवि पं. माखनलाल चतुर्वेदी की जन्मस्थली नर्मदापुरम जिले के माखननगर (पहले नाम बाबई) में यह पंक्ति एक घटना पर बिल्कुल सटीक बैठती है।
जहां एक आम आदमी ने न सिर्फ अपने परिवार बल्कि पूरे मोहल्ले को संभावित स्वास्थ्य के खतरे से छुटकारा दिला दिया है।
पहले पूरा मामला जान लीजिए
बिंदल डेवलपर्स माखननगर थाने से सिराली कॉलोनी की नहर तक और मुख्य सड़क पर आरा मशीन से लेकर सुमित्रा पब्लिक स्कूल तक सड़क चौड़ीकरण का काम करने वाला है।
निर्माण के नाम पर बिंदल डेवलपर्स ने नगर के रहवासी इलाके सिराली कॉलोनी डंपिंग यार्ड बना लिया। जहां गिट्टी की लोडिंग अनलोडिंग हो रही थी।
इसी जगह पर मिक्सिंग के लिए सीपी 30 प्लांट लगाने की भी तैयारी थी।
निजी जमीन पर डंपिंग यार्ड बनाने से क्या दिक्कत
नगर की सिराली कॉलोनी में जिस जगह यह सब हो रहा था, वह एक निजी भूमि है। भूमि स्वामी ने अपने स्वामित्व की यह जमीन बिंदल डेवलपर्स को किराये पर दी थी।
सवाल ये है कि निजी भूमि को किराये पर देना कोई जुर्म नहीं तो फिर आखिर डंपिंग यार्ड या मिक्सर प्लांट लगाने से क्या आपत्ति थी।
हम आपको बता दें कि इस तरह के डंपिंग यार्ड और प्लांट से वातावरण में डस्ट उड़ती है जो पर्यावरण के साथ ही लोगों के स्वास्थ से लिए ठीक नहीं है।
इसलिए इन्हें रहवासी इलाकों में स्थापित नहीं किया जाता है।
लोगों के स्वास्थ्य पर क्या पड़ता असर
डंपिंग या सीपी 30 प्लांट रहवासी इलाके में चलता तो यहां धूल उड़ने से हवा में PM 10 और PM 2.5 की मात्रा बढ़ जाती। ये कण हमारे मुंह और फेफड़ों के जरिए शरीर के अंदर चले जाते हैं।
इससे खांसी और अस्थमा के दौरे पड़ सकते हैं। उच्च रक्तचाप, दिल का दौरा, स्ट्रोक जैसी बीमारी भी हो सकती है।
PCB की टीम ने मौके पर ये पाया
शिकायत मिलने के बाद प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की टीम ने 14 मई को माखननगर का निरीक्षण किया था।
निरीक्षण के दौरान टीम ने पाया कि गिट्टी की डंपिंग होने के कारण फ्यूजिटिव इमिशन्स की समस्या हो रही है।
प्रदूषण को रोकने के लिए मौके पर कोई उपाय नहीं किये गए। इससे वायु प्रदूषण की स्थिति बन रही है।
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7 दिन का दिया अल्टीमेटम
मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी अभय सराफ ने पीडब्ल्यूडी के एसडीओ के साथ ही एसडीएम और सीएमओ को पत्र लिखकर तत्काल लोडिंग अनलोडिंग पर प्रतिबंध लगाने के निर्देश दिये हैं।
साथ ही बिना अनुमति के रहवासी इलाके में डंपिंग यार्ड बनाने के लिए जिम्मेदार पर 7 दिनों में कार्रवाई करने को कहा है।
शहर से बाहर शिफ्ट होगा यार्ड
सिलारी कॉलोनी में अभी सीपी 30 प्लांट बनना शुरु भी नहीं हुआ था। उससे पहले ही डंपिंग यार्ड से उठ रही डस्ट को लेकर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने इतना बड़ा एक्शन ले लिया है।
पीसीबी ने बिंदल डेवलपर्स को निर्देशित किया है कि वह इस तरह की गतिविधियां शहर के बाहर संचालित करें।
क्या कहता है कानून
एक आम व्यक्ति के स्वास्थ को लेकर कड़े कानून बनाए गए हैं। ऐसी कोई भी गतिविधि जिससे प्रदूषण फैल रहा है उसे लेकर वायु (प्रदूषण निवारण एवं नियंत्रण) अधिनियम 1981 पर सख्त प्रावधान किये गए हैं। इस एक्ट के सेक्शन 37 के अनुसार जिम्मेदार पर जुर्माना और सजा दोनो का ही प्रावधान है।