पटना। नीतीश कुमार के अभी भी भाजपा के संपर्क में होने के कथित चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर के दावे को खारिज करते हुए मुख्यमंत्री ने शुक्रवार को कहा कि ‘‘उसके जो मन में आता है, बोलता रहता है।’’ गौरतलब है कि किशोर ने बृहस्पतिवार को दावा किया था कि कुमार ‘‘अभी भी भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के संपर्क में हैं और अगर परिस्थितियां बनती हैं तो वह फिर पार्टी के साथ गठबंधन कर सकते हैं।’’ किशोर के इस दावे को लेकर पत्रकारों के सवाल के जवाब में नीतीश ने कहा, ‘‘मैं इस पर क्या कहूं। उसके जो मन में आता है, बोलता रहता है। वह सिर्फ पब्लिसिटी (प्रचार) के लिए ऐसे बयान देता है।
सभी को पता है कि वह किस पार्टी के लिए काम करता रहता है।’’ गौरतलब है कि किशोर ने बुधवार को पीटीआई/भाषा से कहा था कि जदयू (जनता दल यूनाइटेड) के सांसद व राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश के माध्यम से नीतीश कुमार अभी भी भाजपा के संपर्क में बने हुए हैं। वहीं, किशोर ने पश्चिम चंपारण में बुधवार को जनसभा में आरोप लगाया था, ‘‘भाजपा के साथ संबंध तोड़ने के बाद नीतीश कुमार को हरिवंश से पद छोड़ने को कहना चाहिए था। अगर वह पद पर बने रहने की जिद कर रहे थे तो उन्हें जदयू से निकाला जा सकता था। लेकिन नीतीश कुमार भविष्य के लिए यह विकल्प खुला रखे हुए हैं।’’ किशोर तीन सप्ताह लंबी ‘पदयात्रा’ के दौरान पश्चिम चंपारण में थे। मुख्यमंत्री ने कहा, ‘‘वह जो भी बोलना चाहता है, बोलने दीजिए। हमारा उससे कोई मतलब नहीं है।.
वह मेरे साथ काम करता था। लेकिन मैंने जिन लोगों की इज्जत की है उन्होंने मेरे साथ कितना दुर्व्यवहार किया है, ये तो आपको पता ही है ना।’’ खुद को उच्च न्यायालय का न्यायाधीश बताकर बिहार के पुलिस प्रमुख (पुलिस महानिदेशक) को फोन पर शराब व्यापार के मामले में आरोपी निलंबित आईपीएस अधिकारी से साथ नरमी बरतने को कहने वाले ठग के संबंध में सवाल करने पर नीतीश कुमार ने कहा, ‘‘पुलिस ने मामले में फरार आईपीएस अधिकारी के अलावा अन्य सभी आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया है। डीजीपी ने समय रहते मामले का खुलासा कर लिया था।’’
राज्य पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने ठग अभिषेक अग्रवाल को गिरफ्तार कर लिया था जिसके बाद उसे न्यायिक हिरासत में बृहस्पतिवार को जेल भेज दिया गया। अग्रवाल को धोखाधड़ी, दूसरे का वेश धरने, सरकारी कामकाज में बाधा पहुंचाने और साइबर अपराध के आरोप में गिरफ्तार किया गया है। बिहार में अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिए आरक्षित सीटों के साथ निकाय चुनाव कराने के संबंध में पटना उच्च न्यायालय के फैसले से जुड़े सवालों पर मुख्यमंत्री कुमार ने कहा, ‘‘बिहार देश का पहला राज्य है जिसने अत्यंत पिछड़ा वर्ग के लिए सीटें आरक्षित की हैं। हम पटना उच्च न्यायालय के इस फैसले का स्वागत करते हैं और जल्दी ही (चुनावी) प्रक्रिया शुरू करेंगे।’’