Police-Naxalite Encounter: छत्तीसगढ़-महाराष्ट्र सीमा पर सुरक्षा बलों ने 49 लाख रुपए के तीन इनामी नक्सलियों को मार गिराया है। इस ऑपरेशन में जवानों ने लगभग 124 घंटे तक कार्य किया। उन्होंने नक्सलियों के ठिकाने को घेरकर उन्हें सरेंडर करने के लिए कहा, लेकिन नक्सलियों ने माने बिना फायरिंग शुरू कर दी, जिसके बाद मुठभेड़ हुई।
रुपेश पर दर्ज थे 66 आपराधिक मामले
मारे गए नक्सलियों में रुपेश भी शामिल है, जो जुलाई 2009 में हुए एक एनकाउंटर में शामिल था, जिसमें एसपी विनोद चौबे समेत 29 जवान शहीद हुए थे। रुपेश पर 66 आपराधिक मामले दर्ज थे। जवानों ने मौके से AK-47, इंसास और अन्य हथियारों के साथ 13 से अधिक हथियार और विस्फोटक बरामद किए।
पुलिस को सूचना मिली थी कि नारायणपुर के अबूझमाड़ के पेदिया जंगलों में बड़ी संख्या में नक्सली मौजूद हैं। इसके बाद 23 सितंबर को ऑपरेशन शुरू किया गया। जवानों ने नक्सलियों को चेतावनी दी कि वे घिर चुके हैं, लेकिन नक्सलियों ने फायरिंग कर दी। इसके बाद जवानों ने जवाबी कार्रवाई की, जो करीब 5 घंटे तक चली।
बंदूक और अन्य हथियार बरामद
जब फायरिंग समाप्त हुई, तो जवानों ने सर्च ऑपरेशन शुरू किया, जिसमें दो पुरुष और एक महिला माओवादी का शव बरामद हुआ। इसके अलावा मौके से एक AK-47, एक इंसास, दो SLR, 12 बोर की एक बंदूक और अन्य हथियार बरामद किए गए।
मारे गए नक्सलियों की पहचान 25 लाख रुपए के इनामिया DKSZC सदस्य रुपेश, 16 लाख रुपए के इनामिया DVCM जगदीश और कंपनी नंबर 10 की सदस्य PPCM सरिता के रूप में हुई है। रुपेश महाराष्ट्र के गढ़चिरौली का रहने वाला था और मदनवाड़ा मुठभेड़ में शामिल था। इन तीनों पर कुल 49 लाख रुपए का इनाम था।
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