छिंदवाड़ा। प्रदेश के छिंदवाड़ा जिले में पुलिस प्रशासन की एक टीम गांव में शादी का मुयायना करने गई थी। इस शादी में पुलिस और आदिवासियों के बीच कुछ झड़प हो गई थी। अब यह मामला गर्मा गया है। अब इस मामले में असंगठित कामगार कांग्रेस के जिलाध्यक्ष वासुदेव शर्मा ने भी टीआई प्रीति मिश्रा पर अभद्रता का आरोप लगाया है। शर्मा ने कहा कि शादी के समय मौके पर पहुंची टीआई प्रीति शर्मा जूते पहनकर शादी के पूजा स्थल में घुस गईं। इसके बाद वहां बैठी दुल्हन को लात मारी।
इसके साथ ही शर्मा ने आरोप लगाया है कि टीआई ने आदिवासी परंपरओं के हिसाब से जमीन पर बनाए गए देवी देवताओं को भी जूतों से रौंद दिया। शर्मा ने कहा कि टीआई ने वहां पहुंचकर गंदी-गंदी गालियां दीं और भोजन कर रहे लोगों की पत्तलें हवा में उठाल दीं। शर्मा ने कहा कि पुलिस ने जो सबूत पेश किए हैं वह एक तरफा कार्रावाई के हैं। आदिवासी पुलिस के सामने ठीक से खड़े नहीं हो सकते हैं हमला तो दूर की बात है।
यह है पूरा मामला…
दरअसल छिंदवाड़ा जिले में आने वाली साजकुई पंचायत के ग्राम मरालढाना में 13 मई को एक आदिवासी परिवार में शादी थी। पुलिस को इसकी सूचना मिली थी कि इस शादी में 200 से ज्यादा लोग इकट्ठे हो रहे हैं। इस शिकायत के बाद तहसीलदार मनोज चौरसिया, तामिया थाना प्रभारी प्रीति मिश्रा अपनी टीम के साथ इस गांव में पहुंची थी। इसी दौरान पुलिस ने बताया था कि जब वे ग्रामीणों को समझा रहे थे तभी वहां मौजूद लोगों ने पुलिस की टीम पर हमला कर दिया था।
थाना प्रभारी प्रीति मिश्रा, ड्राइवर, नायब तहसीलदार और तहसीलदार के दोनों ड्राइवर घायल हो गए थे। हालांकि असंगठित कामगार कांग्रेस के जिलाध्यक्ष वासुदेव शर्मा ने इसे एकपक्षीय एवं आधी-अधूरी जांच बताया है। बता दें कि प्रदेश में कोरोना महामारी के चलते कई जिलों में शादी के आयोजन पर रोक लगा रखी है। वहीं कई जिलों में सीमित लोगों के साथ शादी के आयोजन की अनुमति दी हुई है।