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Police Commissioner Bhopal: मकरंद देउस्कर बने भोपाल के पहले पुलिस कमिश्नर, जानिए क्या है उनकी कहानी?

Police Commissioner Bhopal: मकरंद देउस्कर बने भोपाल के पहले पुलिस कमिश्नर, जानिए क्या है उनकी कहानी? Police Commissioner Bhopal: Makrand Deuskar became the first police commissioner of Bhopal, know what is his story? nkp

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Bansal Digital Desk
Police Commissioner Bhopal: मकरंद देउस्कर बने भोपाल के पहले पुलिस कमिश्नर, जानिए क्या है उनकी कहानी?

भोपाल। सरकार ने गुरूवार को इंदौर और भोपाल में कमिश्नर प्रणाली लागू करने का नोटिफिकेशन जारी किया था। इसी कड़ी में हरिनारायणचारी मिश्रा को इंदौर का पुलिस कमिश्नर और मकरंद देउस्कर को भोपाल का पुलिस कमिश्नर बनाया गया है। आइए जानते हैं कौन हैं भोपाल के पहले कमिश्नर मकरंद देउस्कर?

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कौन हैं मकरंद देउस्कर

मकरंद देउस्कर 1997 बैच के आईपीएस अधिकारी हैं। हाल ही में उन्हें मुख्यमंत्री का OSD बनाया गया था। उन्हें एक सख्त पुलिस अधिकारी माना जाता है। साथ ही उन्हें शिवराज सिंह चौहान के विश्‍वस्‍त अधिकारियों में भी गिना जाता है। 27 नवंबर 1972 को जन्में देउस्कर बड़वानी, होशंगाबाद, इंदौर, जबलपुर और ग्वालियर में अपनी सेवाएं दे चुके हैं।

कार्रवाई करना महंगा पड़ गया था

नर्मदांचल में अवैध रेत खनन को रोकने के लिए मकरंद देउस्कर काफी सक्रिय थे। हालांकि तब रेत माफियाओं के खिलाफ खख्त कार्रवाई करना उनके लिए महंगा पड़ गया था और मात्र 3 माह में ही उनका तबादला कर भोपाल भेज दिया गया था। मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार होशंगाबाद में रहने के दौरान उनका विवाद एक मंत्री से हो गया था। मंत्री जी चाहते थे कि रेत माफियाओं के खिलाफ नरमी बरती जाए। लेकिन आईजी रहते देऊस्कर ने उनकी बात मानने से इंकार कर दिया।

लोग कहते हैं कि इस बातचीत में ही तय हो गया था कि इसकी सजा देऊस्कर को भुगतनी पड़ेगी और हुआ भी कुछ ऐसा ही। लेकिन देऊस्कर अंत तक नरम रूख अपनाने को लेकर तैयार नहीं हुए। मकरंद देऊस्कर को जैसे ही आईजी बनाकार होशंगाबाद भेजा गया था। उन्होंने रेत माफियाओं को अपने टारगेट पर ले लिया था। हालांकि वे ज्यादा दिन तक होशंगाबाद में नहीं रहे, लेकिन जितने दिन भी रहे अपराधियों के लिए काल बनकर रहे।

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मुख्यमंत्री ने नई व्यवस्था को लेकर क्या कहा?

मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने शुक्रवार को कहा कि महानगरों में कई तरह की नई समस्याएं सामने आती हैं। इसी को देखते हुए इंदौर और भोपाल में पुलिस कमिश्नर प्रणाली लागू की गई है। इससे इन शहरों में अपराधों से जुड़ी समस्याओं को दूर करने में मदद मिलेगी। नया सिस्टम प्रभावी और कारगर साबित होगा।

यह रहेगी नई व्यवस्था

भोपाल में एडीजी/आईजी स्तर का अधिकारी पुलिस कमिश्नर होगा। उनकी मदद के लिए दो एडिशनल पुलिस कमिश्नर होंगे। उसके बाद 8 डीसीपी, 10 एडीसीपी, 33 एसीपी, ग्रामीण क्षेत्र के लिए 1 एसपी होगा। इसी तरह इंदौर में स्वीकृत पदों में थोड़ा बदलाव रहेगा। इंदौर में पुलिस कमिश्नर के अधीन दो एडिशनल कमिश्नर, 8 डीसीपी, 12 एडीसीपी, 30 असिस्टेंट पुलिस कमिश्नर होंगे। ग्रामीण क्षेत्र का 1 एसपी अलग होगा।

नई व्यवस्था के तहत पुलिस अधिकारियों के पास सीआरपीसी की धारा 20, 106, 124, 129, 132, 144, 144-क, के तहत मजिस्ट्रियल शक्तियां होंगी। पुलिस एक्ट, अनैतिक व्यापार अधिनियम, मोटर व्हीकल एक्ट, अनैतिक व्यापार अधिनियम, राज्य सुरक्षा अधिनियम जैसे कुछ कानूनों में संशोधन करना होगा।

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