भोपाल। राजधानी में गुरुवार को ओल्ड सिटी छावनी में तब्दील हो गया। यहां गलियों में पुलिस की गाड़ियां घूमतीं दिख रही है। साथ ही यहां किसी को भी बाहर निकलने की अनुमति नहीं दी गई है। यहां कोरोना कर्फ्यू का सख्ती से पालन कराया जा रहा है। इसके लिए पुलिस शहर में पहुंच गई है। बता दें कि राजधानी में 31 मई तक कोरोना कर्फ्यू बढ़ाया गया है। वहीं 31 मई तक प्रशासन कोरोना नियमों को लेकर सख्ती कर रही है। ओल्ड सिटी में पुलिस सख्ती से कोरोना कर्फ्यू का पालन करा रही है।
उलेमा हिन्द के उपाध्यक्ष मौलाना मुफ़्ती अब्दुर्रज़्ज़ाक़ खान का निधन
भोपाल और देश भर में आदर और सम्मान के साथ पहचाने जाने वाले धार्मिक विद्वान, स्वतंत्रता संग्राम सेनानी तथा ऑल इंडिया जमीयत उलेमा हिन्द के उपाध्यक्ष मौलाना मुफ़्ती अब्दुर्रज़्ज़ाक़ खान का बुधवार रात 10.30 बजे लम्बी बीमारी के बाद निधन हो गया। वह लगभग 95 वर्ष के थे। हजरत के जनाज़े की नमाज गुरुवार को दोपहर 2 बजे इक़बाल मैदान में अदा की जाएगी और बड़े बाग क़ब्रिस्तान में दफ़्न किया जाएगा। मुफ़्ती अपने पीछे एक भरा पूरा ख़ानदान छोड़ कर गए हैं। पारिवारिक सूत्रों ने बताया कि हजरत कई प्रकार की बीमारियों से लड़ते हुए आज रात अंतिम सांस ली। मुफ़्ती साहब के करीबी और जमीयत मध्यप्रदेश के प्रवक्ता, नूरूल्लाह यूसुफ़ जई ने बताया कि मुफ़्ती साहब को सभी धर्मों के लोगों में बड़ी इज़्ज़त की निगाह से देखा जाता था। उन्होंने कहा कि रज़्ज़ाक़ साहब देश और प्रदेश की कई संस्थाओं के सदस्य के रूप में अपनी सेवाएं दे चुके हैं। उनकी गिनती देश के बड़े धार्मिक विद्वानों में होती थी। भोपाल ही नहीं बल्कि पुरे मध्यप्रदेश तथा देश के इस्लामिक विद्वान उनकी संस्था को मस्जिद एवं मदरसा तर्जुमे वाली के नाम से जानते हैं। मुफ़्ती साहब के छोटे बेटे मौलाना मोहम्मद अहमद साहब मदरसे की ज़िम्मेदारी संभालते हैं।